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Cheetahs In Kuno: दक्षिण अफ्रीका से आज मध्यप्रदेश के कूनो लाए जा रहे हैं 12 और चीते, पहले नामीबिया से 8 आए थे, कुल संख्या हो जाएगी 20

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को कूनो में चीतों को बाड़े में छोड़ा था। तब नामीबिया से 3 नर और 5 मादा चीता लाए गए थे। बड़े बाड़े में छोड़ने के बाद से ये चीते लगातार शिकार कर रहे हैं। कूनो में चीतों के भोजन के लिए 400 के करीब हिरण भी बड़े बाड़े में छोड़े गए थे। चीते इनका शिकार कर रहे हैं।

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आज फिर चीतों को लाया जा रहा है। इस बार 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए साल 2021 में भारत सरकार ने समझौता किया था। इन चीतों को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान क्वॉरेंटीन बाड़ों में छोड़ेंगे। चीतों को 30 दिन तक क्वॉरेंटीन में रखने के बाद उनको बड़े इलाके में छोड़ने का फैसला किया जाएगा। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पड़ोसी देश नामीबिया से 8 चीते लाकर कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में छोड़े गए थे। 30 दिन तक क्वॉरेंटीन रखने के बाद सभी 8 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा जा चुका है।

cheetah

दक्षिण अफ्रीका से चीतों को ला रहा विमान सुबह करीब 10 बजे ग्वालियर एयरबेस पहुंचेगा। फिर इन चीतों को हेलीकॉप्टर के जरिए कूनो लाया जाएगा। कूनो में चीतों के लिए क्वॉरेंटीन बाड़ों को फिर डिसइन्फेक्ट किया गया है। चीतों के साथ दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञ भी आ रहे हैं। ये विशेषज्ञ इनके स्वास्थ्य पर चौबीस घंटे नजर रखेंगे। चीते बहुत संवेदनशील होते हैं। ऐसे में क्वॉरेंटीन में रखे जाने के दौरान विशेषज्ञों के अलावा और कोई इनके बाड़े के आसपास नहीं जा सकेगा। जो चीते आज लाए जा रहे हैं, उनमें 7 नर और 5 मादा हैं।

cheetah in kuno national park 1

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को कूनो में चीतों को बाड़े में छोड़ा था। तब नामीबिया से 3 नर और 5 मादा चीता लाए गए थे। बड़े बाड़े में छोड़ने के बाद से ये चीते लगातार शिकार कर रहे हैं। कूनो में चीतों के भोजन के लिए 400 के करीब हिरण भी बड़े बाड़े में छोड़े गए थे। चीतों का मुख्य शिकार हिरण जैसे छोटे जानवर होते हैं। इनके अलावा चीते खरगोश वगैरा का भी शिकार करते हैं। चीतों के बाड़ों से कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने तेंदुओं को भी बाहर कर दिया था। तेंदुओं और चीतों के बीच काफी संघर्ष होता है। इसी वजह से ये काम किया गया था।