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Chhattisgarh: जिस गोमूत्र का मजाक उड़ाते थे कांग्रेसी उसी गोमूत्र को खरीद रहे भूपेश बघेल, अब कांग्रेसियों की हो गई बोलती बंद

Chhattisgarh: दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेल बघेल सरकार ने कहा कि आगामी 28 जुलाई से हरेली पर्व के भूपेल बघेल सराकर गोमूत्र खरीदने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के गांव करसा से गौठान में गोमूत्र की खरीदी कर योजना का शुभारंभ करेंगे। वहीं रायपुर जिले में गोमूत्र खरीदी की शुरुआत अभनपुर विकासखंड के नवागांव और आरंग विकासखंड के गांव बड़गांव से शुरू होगी।

नई दिल्ली। हिंदुस्तान की राजनीति में कभी गाय तो कभी गोबर, तो कभी गोमूत्र को लेकर  सियासत होती ही रहती है। ऐसा करने के पीछे सभी राजनेताओं का मुख्य मकसद जनता को रिझाने का होता है। अब इन्हीं सियासी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की भूपेल बघेल सरकार ने गोबर के बाद अब गोमूत्र खरीदने का ऐलान किया है। बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में गोमूत्र खरीदने का ऐलान किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेल बघेल सरकार ने योगी की राह पर चलने का मन बना लिया है। इसके अलावा जिस गोमूत्र को लेकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का मजाक उड़ाती है अब खुद छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार यूपी सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए दिखाई दे रही है। तो आइए आर्टिकल में हम आपको भूपेल बघेल सरकार के उक्त कदम के बारे में थोड़ा विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेल बघेल सरकार ने कहा कि आगामी 28 जुलाई से हरेली पर्व के भूपेल बघेल सराकर गोमूत्र खरीदने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के गांव करसा से गौठान में गोमूत्र की खरीदी कर योजना का शुभारंभ करेंगे। वहीं रायपुर जिले में गोमूत्र खरीदी की शुरुआत अभनपुर विकासखंड के नवागांव और आरंग विकासखंड के गांव बड़गांव से शुरू होगी। आपको बता दें कि गोमूत्र का मूल्य चार रुपए होने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि उक्त रकम पर मुख्यमंत्री गोमूत्र की खऱीद कर सकती है।

इसके साथ ही बघेल सरकार  अपने इस कदम से  खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को कम किया जा सके. अंधाधुंध रासायनिक खादों और रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से खेती में खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड्स की कीमत से काफी कम होगी। उधर, कृषि वैज्ञानिकों का इस संदर्भ में कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है।