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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव के मन में बसी है सीएम बनने की इच्छा, भूपेश बघेल से इसी मसले पर तनातनी की आई थीं खबरें

Chhattisgarh Minister TS Singhdev has a desire to become CM : हालांकि, बाद में उन्होंने खुद सामने आकर स्पष्ट कर दिया कि उनका सीएम बघूले के साथ कोई तनातानी नहीं चल रही है, लेकिन प्रदेश के सियासी परिदृश्य में कई ऐसे संकेत सामने आए है, जो कि इस बात की ओस स्पष्ट इशारा कर रहे थे कि दोनों के बीच कोई ना कोई विवाद तो जरूर है।

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नई दिल्ली। कौन होगा ऐसा…जिसके अंदर मुख्यमंत्री बनने की आरजू नहीं होगी। सबके अंदर होगी। लेकिन यह आरजू मुकम्मल हो… यह आसान नहीं है…सरकार में मुख्यमंत्री का एक ही पद होता है और एक ही पद पर दो मुख्यमंत्री बनाने का प्रावधान संविधान में नहीं किया गया है, लेकिन अगर किया गया होता, तो यकीन मानिए वजूद की जंग से जूझ रही कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में जारी सियासी संकट पर पूर्णविराम लगाने के लिए कब के राज्य में दो मुख्यमंत्री बना दिए होते। जी बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं आप। अब आप पूछेंगे कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। तो चलिए पूरी वस्तुस्थिति को समझने के लिए हम आपको साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लिए चलते हैं। गत विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी। मुख्यमंत्री पद के लिए मुख्य रूप से दो दावेदार थे। पहला भूपेश बघेल, जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हैं, और दूसरा टीएस सिंह देव, जो कि वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री हैं। इससे पूर्व वे ग्रामीण विकास मंत्री भी थे, लेकिन गत वर्ष उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे भूपेश बघेल से जारी उनकी तनातानी से जोड़कर देखा गया था।

हालांकि, बाद में उन्होंने खुद सामने आकर स्पष्ट कर दिया कि उनकी सीएम बघेल से कोई तनातनी नहीं है, लेकिन प्रदेश के सियासी परिदृश्य में कई ऐसे संकेत सामने आए हैं, जो इस बात की ओर स्पष्ट इशारा कर रहे थे कि दोनों के बीच कोई ना कोई विवाद तो जरूर है। तो चलिए अब आपको पूरी वस्तुस्थिति बता देते हैं, जिसकी वजह से पूरे विवाद का जन्म हुआ। दरअसल, विगत विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में यह तय हआ था कि ढाई साल भूपेश बघेल सीएम की कुर्सी पर आसीन रहेंगे और बकाया ढाई साल टीएस सिंह देव को सीएम की कमान सौंपी जाएगी। सबकुछ तय योजनाओं के आधार पर ही चल रहा था, लेकिन जब ढाई साल की मियाद मुकम्मल हुई, तो पार्टी आलाकमान ने बड़ा उलटफेर करते हुए बाकी के ढाई साल भी सीएम की कुर्सी पर बघेल को ही बैठाने का फैसला किया।

वहीं, जैसे ही यह खबर टीएस सिंह देव को हुई, तो वो बिफर गए और उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले का विरोध किया, जिसे लेकर कई सार्वजनिक मंचों पर उनका दर्द भी छलक चुका है। अपनी इसी नारजागी को जाहिर करने के लिए उन्होंने गत वर्ष ग्रामीण एवं विकास मंत्रालय के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, अब एक बार फिर से उन्होंने अपने मुख्यमंत्री बनने की आरजू को प्रेसवार्ता के दौरान जाहिर किया है, जिसे आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

दरअसल, टीएस सिंह देव ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि अगर उन्हें अवसर प्राप्त हुआ, तो वो मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके अंदर प्रदेश की कमान संभालने की क्षमता है। आज भी उनका प्रदेश के लोगों से संपर्क है। उनके इस बयान को लेकर प्रदेश का सियासी पारा पढ़ चुका है। मुख्तलिफ नेताओं के बीच चर्चागोशियों का बाजार गुलजार हो चुका है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है।

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