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Uttar Pradesh: यूपी में मुख्यमंत्री आरोग्य मेला, स्वास्थ्य जांच करानी हो या बनवाना हो गोल्डन कार्ड तो आइए यहां

Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ (CM Arogya Mela) में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। मेलों के प्रवेश द्वार पर पल्स ऑक्सीमीटर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था सहित एक कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय किया जाएगा।

लखनऊ। हर गरीब बीमार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का बेहतरीन जरिया बना ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ एक बार फिर शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी के कारण बीते मार्च में इस साप्ताहिक मेले का आयोजन स्थगित कर दिया गया था, जो आगामी रविवार यानी 10 जनवरी से प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार सुबह 10 बजे से अपराह्न 04 बजे तक पहले की तरह आयोजित होगा। मेले में आधारभूत पैथालॉजिकल जांचों, विशेष रूप से रैपिड डायग्नोस्टिक किट आधारित जांच, की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, दवाओं की उपलब्धता भी होगी।

CM Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। मेलों के प्रवेश द्वार पर पल्स ऑक्सीमीटर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था सहित एक कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय किया जाएगा। स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, सैनिटाइजेशन और मास्क अनिवार्य होगा। मेलों के प्रवेश द्वारा पर भीड़ को नियंत्रित करने एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जरूरत के अनुसार स्वैच्छिक संगठनों जैसे एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल आदि के स्वयंसेवकों की सहायता भी ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आरोग्य मेले के दौरान पात्र व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना के कार्ड वितरित किये जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के आयोजन के संबंध में सभी व्यवस्थाओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए हैं।

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कोविड महामारी से पूर्व 2 फरवरी से 15 मार्च तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार को कुल 7 मेलों का आयोजन किया जा चुका था, किन्तु कोविड -19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए मेलों के अग्रतर कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था। फरवरी एवं मार्च 2020 में आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों की लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता का आंकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि इन मात्र सात मेलों में ही 31.36 लाख रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ पाया था। कुल 32,425 कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गए थे, जबकि 76,063 रोगियों को बेहतर उपचार हेतु उच्चतर चिकित्सा इकाईयों में रेफर किया गया था।इसके साथ ही, इन मेलों में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,30,890 व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड भी बनाए गए थे।