
लखनऊ। अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। सत्येंद्र दास 85 साल के थे। उनको 3 फरवरी को स्ट्रोक होने के बाद लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे। अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने से पहले से मंदिर में वो रामलला की पूजा-अर्चना करते थे। अयोध्या में राम मंदिर बनने पर सत्येंद्र दास बहुत खुश थे। अपनी उम्र के बावजूद वो रोज राम मंदिर में रामलला की पूजा करते रहे।
आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म यूपी के ही संत कबीरनगर जिले में हुआ था। वो ब्राह्मण परिवार से थे। 1950 के दशक में सत्येंद्र दास ने अयोध्या का रुख किया। आचार्य सत्येंद्र दास जब साल 1992 में राम मंदिर के पुजारी बने थे, उस वक्त उनको महीने में 100 रुपए दिए जाते थे। बाद में उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी की गई थी। राम मंदिर का पुजारी बनने से पहले सत्येंद्र दास शिक्षक भी रहे। उन्होंने संस्कृत में आचार्य की उपाधि हासिल की थी। अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सत्येंद्र दास ने शिक्षण का काम भी किया था।
सत्येंद्र दास बाबरी मस्जिद में रामलला की मूर्ति रखने के मामले में शामिल रहे संत अभिरामदास के शिष्य बने थे। सत्येंद्र दास ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान अपने हाथों से रामलला और उनके भाइयों की प्रतिमा गिरते ढांचे से निकाली थी। जिसके बाद प्रतिमाओं को उन्होंने अस्थायी मंदिर में स्थापित किया था। पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम दिग्गजों से उन्होंने रामलला की पूजा कराई थी। रामलला की पूजा-अर्चना संबंधी नियम आचार्य सत्येंद्र दास ने ही तैयार किए थे।