नई दिल्ली। भारत सरकार के सख्त रवैया के अब आगे बेबस चीन दिखाई दे रहा है। पूर्वी लद्दाख में भारत की सख्ती और जोरदार जवाब के कारण चीन के आक्रामक रुख में अब नरमी दिखने लगी है। इस बीच सीमा विवाद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच बीते दो महीने से जारी सीमा विवाद अब कुछ कम होता दिख रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीन ने लद्दाख के एक विवादित इलाके से पूरी तरह से अपनी सेनाएं हटा ली हैं। सूत्रों ने बताया है कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग के पेट्रोल पॉइंट 15 से भारतीय-चीनी सैनिक 2 किलोमीटर पीछे तक हटे हैं।
Disengagement between troops of India and China has been completed today at Patrolling Point 15. The Chinese troops have moved back by approximately 2 kms: Indian Army Sources pic.twitter.com/FBxaT208tB
— ANI (@ANI) July 8, 2020
वहीं, सूत्रों का कहना है कि गोगरा के पेट्रोल पॉइंट 17A से जवानों को गुरुवार या शुक्रवार को दो किलोमीटर पीछे हटाया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पैंगॉन्ग झील के पास फिंगर 4 इलाके में चीनी सेना की ओर से अभी गतिविधि दिख रही हैं। इस इलाके से चीनी सेना ने अपनी गाड़ियां और टेंट वगैरह हटा लिए हैं। हालांकि, रिज़ लाइन पर अभी भी मूवमेंट है। इससे पहले सोमवार को ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिक पीछे हटे थे। दोनों देशों की सेना हिंसक झड़प वाली जगह से 1.5 किलोमीटर पीछे हटी है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, इस घटना में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए थे। हालांकि, चीन ने हताहत हुए जवानों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था।
इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। भारत में बड़े पैमाने पर लोगों ने चीन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार किया। सरकार ने भी टिकटॉक समेत 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके अलावा, चीनी कंपनियों को दिए गए ठेकों को वापस लेना शुरू कर दिया।
दूसरी तरफ, तनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लेह का दौरा किया और झड़प में घायल हुए जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया।