नई दिल्ली। CM Ashok Gehlot Files Nomination: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सरदारपुरा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी ने इन्हें इसी सीट से टिकट थमाया है। इस बीच गहलोत ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि पहले राजस्थान की गिनती पिछड़े राज्यों की सूची में होती थी, लेकिन आज की तारीख में यहां चहुंओर विकास की बयार बह रही है। आज हमारे प्रदेश में एम्स, आईआईटी, आईआईएम और अन्य विश्वविद्यालय हैं। पहले हमारे बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, लेकिन अब यह रवायत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।
#WATCH | Rajasthan CM Ashok Gehlot files nomination from the Sardarpura Assembly constituency for the upcoming Assembly elections in Rajasthan. pic.twitter.com/sgpDCF0YJA
— ANI (@ANI) November 6, 2023
बता दें कि राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। कल (रविवार ) चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। सभी दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सभी ने जनता को रिझाने के मकसद से कई लुभावने वादे किए हैं।
Rajasthan Election 2023: हर 5 साल में बदल जाती है राजस्थान की सत्ता, क्या इस बार भी होगा बदलाव
देखिए इस पर क्या बोले @MediaHarshVT@semeerc,#RahulMahajan#AshokGehlot #rajasthanelection2023 #rajasthan #Congress pic.twitter.com/HaRwMHUweE
— India TV Hindi (@IndiaTVHindi) November 6, 2023
वहीं, नतीजों की घोषणा आगामी 3 दिसंबर को होने जा रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि कहां किसकी सरकार बनने जा रही है। ध्यान दें, पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इस थ्योरी को गत 2018 के विधानसभा चुनाव का हवाला देकर गलत भी ठहराया जा रहा है।
दरअसल, 2018 में भी यही शिगूफा छोड़ा गया था कि इन पांचों राज्यों के चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से खासा मायने रखते हैं, लेकिन बाद में हुआ क्या? हम सभी वाकिफ हैं। सनद रहे कि इन पांचों राज्यों में जहां बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा, तो वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी जीत मिली।
सरदारपुरा के सरदार सीएम @ashokgehlot51 जी अपने नामांकन के दौरान pic.twitter.com/m6azV2j8vT
— Ashok Gehlot – JanNayak (@JanNayakGehlot_) November 6, 2023
ऐसे में यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यह थ्योरी गलत भी साबित हो सकती है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सूबे में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।