
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इंडियन आर्मी (Indian Army) ने जवानों की भर्ती के लिए अग्निवीर योजना लागू की है। इसके स्कीम के तहत जवानों को 4 साल के लिए भर्ती किया जाएगा। जिसमें से 25 फीसदी जवानों को उनके काम के आधार पर आगे सेवा में लिया जाएगा। इसी के तहत अब सेना के लिए अलग-अलग जगहों पर भर्तियां आयोजित की जा रही हैं। युवाओं में अग्निवीर के तहत शामिल होने के लिए बड़ा क्रेज देखने को भी मिल रहा है। लेकिन इसी बीच पंजाब की भगवंत मान सरकार के अधिकारी अग्निवीर भर्ती में सहयोग नहीं दे रहे हैं। इसका खुलासा सेना की एक चिट्ठी के हवाले से अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने किया है। अखबार के हवाले से बताया गया है कि सेना ने मान सरकार को भेजे पत्र में लिखा है कि उसे पंजाब में स्थानीय प्रशासन का मदद नहीं कर रहा है। अब इसी खबर को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। आर्मी की सख्ती के बाद अब पंजाब की भगवंत मान सरकार नींद खुली है।
खबर सामने आने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अग्निपथ स्कीम में सहयोग करने की बात कही है। सीएम भगवंत मान ने तमाम जिलों के जिला उपायुक्तों को लिखित निर्देश जारी किए है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में सारे डीसी अग्निपथ स्कीम पर सहयोग करेंगे। बता दें कि पंजाब की मान सरकार अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती का विरोध कर चुकी है।
All Deputy commissioners were directed to provide complete support to Army Authorities
for recruitment of Agniveers in Punjab.
Any laxity shall be viewed seriously.
Every effort will be made to recruit maximum number of candidates in to army from the state. pic.twitter.com/KKDZW9OJoR— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 14, 2022
अखबार ने जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह के लेटर का हवाला दिया है। उन्होंने ये चिट्ठी पंजाब के मुख्य सचिव वीके जंजुआ और रोजगार, कौशल और प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल को भेजी है। आपको बता दें कि आर्मी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं करेगा। तो फिर सेना का भर्ती को टालनी पड़ेगी या फिर पंजाब में भर्ती बंद करनी पड़ेगी। इतना ही नहीं सेना ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए ये तक कह दिया था कि ये भर्तियां पड़ोसी राज्यों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।