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कोरोना काल में भी आगे बढ़ता गुजरात, अब वर्षा जल संचयन योजना को लेकर सीएम रूपाणी ने की ये पहल

गुजरात में कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में वर्षा जल संचयन परियोजना लॉन्च की है और विकास की ओर एक और कदम बढ़ाया है। एक तरफ देश कोरोनावायरस जैसी घातक महामारी के संकट से गुजर रहा है वहीं इस बीच गुजरात सरकार लगातार विकास के लिए कदम उठाये जा रही है।

वडोदरा। एक तरफ देश कोरोनावायरस जैसी घातक महामारी के संकट से गुजर रहा है वहीं इस बीच गुजरात सरकार लगातार विकास के लिए कदम उठाये जा रही है। जिससे राज्य कोरोना काल में भी आगे बढ़ रहा है। देखा जाये तो गुजरात कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है। ऐसे में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में वर्षा जल संचयन परियोजना लॉन्च की है और विकास की ओर एक और कदम बढ़ाया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने आज सरकारी स्कूल और कार्यालयों में वर्षा जल संचयन परियोजना को ऑनलाइन लॉन्च किया। इसके तहत अब वडोदरा में 1000 स्कूलों में जल संचयन परियोजना (Rain Water Harvesting) होने लगी जो काफी प्रेरणादायी है कदम है। यह देश की ऐसी पहली परियोजना है, जिसमें जिले के सभी सरकारी स्‍कूलों को मॉनसून के दौरान वर्षा जल संरक्षण के काम में शामिल किया गया है।

सीएम विजय रूपानी ने आज यानी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वडोदरा जिले के सरकारी स्कूल में वर्षा जल संचयन का पहला सफल प्रयोग किया। इसके अलावा उन्होंने राज्य द्वारा शुरू की गई जल संरक्षण योजना सुजलम सुफलाम जल अभियान के बारे में जानकारी दी। साथ ही इस परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि वडोदरा जिले के 1000 सरकारी स्कूलों में एक साल में पूरी होने वाली इस परियोजना को सिर्फ 9 महीने में पूरा किया गया।

उन्होंने ये भी बताया कि मॉनसून के दौरान प्रत्येक स्कूल द्वारा एक लाख लीटर पानी का संचय होगा। इस प्रकार कुल 10 करोड़ लीटर से अधिक बारिश के पानी को व्यर्थ होने से बचाकर जमीन में संग्रह किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट से वर्षा जल को बचाने के अलावा, स्कूली छात्रों को जल संचयन का महत्व समझाने में भी मदद मिलेगी।