UP News: जनजातियों को संगठन से जोड़ने का मंत्र देंगे CM योगी आदित्यनाथ

UP News: पार्टी के टारगेट पर अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। वर्ष 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने में यूपी में पार्टी को मिली बम्पर सफलता का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। 2024 में भी केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से गुजरेगा। ऐसे में बीजेपी जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में अलग-अलग मोर्चों व प्रकोष्ठों तक को हरेक वोटर तक पहुंच बनाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया जा रहा है।

Avatar Written by: August 17, 2022 7:54 pm
Yogi Adityanath

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश की सभी 80 संसदीय सीटों पर क्लीन स्वीप की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी संगठन के सभी मोर्चों को धारदार बनाने में जुटी हुई है। इसी ध्येय से मंगलवार से गोरखपुर के संस्कृति पब्लिक स्कूल रानीडीहा में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है। तीन दिवसीय इस शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस दौरान अपने मार्गदर्शक उद्बोधन से वह सभी जनजातियों को संगठन के पक्ष में लामबंद करने का मंत्र मोर्चा पदाधिकारियों को देंगे। यह सभी जानते हैं कि भाजपा वर्ष पर्यंत चुनावी मोड में रहती है। एक चुनाव का परिणाम आने के साथ ही दूसरे चुनाव की तैयारी शुरू हो जाती है। चुनाव दर चुनाव इन तैयारियों की शानदार नतीजा परिणाम में भी देखने को मिल रही है।

Yogi adityanath

पार्टी के टारगेट पर अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। वर्ष 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने में यूपी में पार्टी को मिली बम्पर सफलता का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। 2024 में भी केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से गुजरेगा। ऐसे में बीजेपी जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में अलग-अलग मोर्चों व प्रकोष्ठों तक को हरेक वोटर तक पहुंच बनाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया जा रहा है।

yogi adityanath

रणनीतिक तैयारियों के ही क्रम में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होने गुरुवार को गोरखपुर आ रहे हैं। शिविर में सीएम योगी के व्यावहारिक टिप्स अनुसूचित जनजाति मोर्चा के लिए काफी कारगर होंगे। कारण, अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर से ही सीएम योगी जनजातीय समाज के हितों को लेकर संवेदनशील रहे हैं। वनवासी और आदिवासी समाज के लिए सांसद के रूप में संघर्ष करने से लेकर, मुख्यमंत्री के रूप में उनके उत्थान की योजनाओं के क्रियान्वयन तक, वह जनजातीय समाज के लोगों की अपेक्षाएं, उनका मर्म समझते हैं। ऐसे में व्यावहारिकता के धरातल पर उनके सुझाव जनजातियों को भाजपा के पक्ष में पूरी तरह लामबंद करने में काफी मददगार होंगे।