
नई दिल्ली। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी कोचिंग में हुए हादसे में तीन स्टूडेंट्स की मौत के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर सुरक्षा मानदंड निर्धारित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन चुके हैं और वहां स्टूडेंट्स की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने कोचिंग फेडरेशन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कोचिंग सेंटर स्टूडेंट्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं निभा सकते तो बेहतर होगा कि वो ऑनलाइन क्लासेज़ चलाएं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ओल्ड राजेंदर नगर की घटना आंखें खोलने वाली है और जब तक कोई भी कोचिंग संस्थान सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करता है तब तक उसे संचालन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत की पीठ ने दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार से पूछा कि कोचिंग संस्थानों में स्टूडेंट्स की सेफ्टी के लिए अभी तक कौन से सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं और उनका किस तरह से पालन कराया जा रहा है?
उधर, इस दुर्घटना के बाद जिन कोचिंग सेंटर के पास फायर एनओसी नहीं है, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश को कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फेडरेशन के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। आपको बता दें कि बीती 27 जुलाई को दिल्ली में भारी बारिश के कारण ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित यूपीएससी की राव आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में अचानक पानी भर गया जिसमें दो छात्राओं की एक छात्र की डूब कर मौत हो गई थी।