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Delhi: देश को 6 साल बाद मिल सकती है पहली महिला CJI, इन नामों की कॉलेजियम ने की सिफारिश

Delhi: इससे पहले जस्टिस संतोष हेगड़े, जस्टिस कुलदीप सिंह, जस्टिस एसएम सीकरी और जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन भी वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे।

नई दिल्ली। कई बार ये सवाल उठ चुका है कि राष्ट्रपति और पीएम पद पर महिलाओं को मौका मिला, लेकिन एक भी महिला को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नहीं बनाया गया। अब ये मौका आने जा रहा है। मोदी सरकार ने अगर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश मान ली, तो 6 साल बाद यानी 2027 में चीफ जस्टिस की कुर्सी पर महिला जज की नियुक्ति हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट की जज बीवी नागराथन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है। अगर ये सिफारिश सरकार मान लेती है, तो नागराथन 2027 में देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन जाएंगी। नागराथन के अलावा कॉलेजियम ने तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जज बेला त्रिवेदी को भी सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश भेजी है।

supreme court

इसके अलावा वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा को भी सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गई है। अगर वह जज बनते हैं, तो वकील से सुप्रीम कोर्ट का जज बनने वाले 5वें व्यक्ति होंगे। इससे पहले जस्टिस संतोष हेगड़े, जस्टिस कुलदीप सिंह, जस्टिस एसएम सीकरी और जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन भी वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे।

PS Narasimha

सुप्रीम कोर्ट में जजों के फिलहाल 9 पद खाली हैं। जस्टिस नवीन सिन्हा भी रिटायर होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 होनी चाहिए, लेकिन पिछले करीब डेढ़ साल से किसी जज की नियुक्ति नहीं हुई है। 2018 में 8 और 2019 में 10 नए जज सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए थे। फिलहाल 24 पुरुष और एक महिला जज सुप्रीम कोर्ट में हैं।