
हैदराबाद। तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की कांग्रेस सरकार पर क्या संकट के बादल मंडरा रहे हैं? ये चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि मीडिया की खबरों के मुताबिक कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीते दिनों गुपचुप एक बैठक की। इस बैठक की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना में कांग्रेस विधायकों की गुपचुप बैठक पर पार्टी आलाकमान सतर्क हो गया है। सीएम रेवंत रेड्डी की ओर से आपात बैठक बुलाने की भी जानकारी सामने आ रही है। बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीट हैं। यहां बहुमत का आंकड़ा 60 सीट का है। अगर कांग्रेस के 10 विधायकों ने कोई उलटा कदम उठाया, तो रेवंत रेड्डी की सरकार पर बहुमत खोने की तलवार लटक सकती है। हालांकि, कांग्रेस सांसद मल्लू रवि का कहना है कि विधायकों की बैठक के मसले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।
तेलंगाना में कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में 64 सीट हासिल की थी। कांग्रेस की सरकार को एआईएमआईएम के 7 विधायकों का भी समर्थन है। इस तरह उसकी ताकत 71 विधायकों की होती है। अगर 10 विधायकों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जाने का फैसला किया, तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 54 हो जाएगी। तब एआईएमआईएम के साथ मिलकर भी उसके पास बहुमत नहीं रहेगा। ऐसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। बता दें कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार के सीएम रेवंत रेड्डी पहले बीजेपी में रहे हैं। वो आरएसएस के भी पूर्व कार्यकर्ता थे। ऐसा भी संभव है कि रेवंत रेड्डी के बाहर से आकर सीएम बन जाने को कांग्रेस के कई नेता और विधायक पचा न पा रहे हों। हालांकि, अगर कांग्रेस के 10 विधायक सरकार के खिलाफ भी जाते हैं, तो बीआरएस या बीजेपी के साथ मिलकर भी वे सरकार बनाने में सक्षम नहीं होंगे।

तेलंगाना में अन्य पार्टियों के विधायकों की संख्या देखें, तो बीआरएस के 39 विधायक जीते थे, जिनमें से एक ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वहीं, बीजेपी के 8 विधायक चुने गए थे। एक सीट पर सीपीआई का विधायक जीता था। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 39.39 फीसदी वोट मिले थे। जबकि, तब सत्तारूढ़ रही बीआरएस को 37.37, बीजेपी को 13.87 और एआईएमआईएम को 2.21 फीसदी वोट हासिल हुए थे। अन्य दलों को विधानसभा चुनाव में 7 फीसदी वोट मिले थे।