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Diesel Price Hike In Himachal: बाढ़ से जूझते हिमाचल के लोगों को कांग्रेस सरकार का जोरदार झटका, डीजल की कीमत फिर 3 रुपए बढ़ाई

सीएम सुक्खू ने पहले जनता से आपदा राहत कोष मे सहयोग की अपील की थी। इससे पहले जब डीजल की कीमत में 3 रुपए का इजाफा किया गया था, तब सीएम सुक्खू ने कहा था कि बीजेपी की सरकार ने वैट घटाया था और इससे हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ हो गया है। आर्थिक हालात देखकर ये फैसला लिया गया।

शिमला। पिछले कुछ दिन हिमाचल प्रदेश पर बाढ़ का कहर बरपा। तमाम लोगों ने जान गंवाई। नदियों के उग्र रूप से सैकड़ों सड़कें और पुल बह गए। लोगों के आशियानों में उफनाती नदियों का पानी घुस गया। हिमाचल में बाढ़ का उग्र रूप दिखाने वाली नदियां अब काफी हद तक शांत हो गई हैं। इस आपदा से लोग निकले ही थे कि अब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आम लोगों को तगड़ा झटका देते हुए डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर दी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता संभालने के बाद दूसरी बार डीजल की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी की है। इससे रोजमर्रा की चीजों की कीमत में इजाफे की आशंका है।

himachal vat increased on diesel

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार शाम को एक आदेश जारी कर डीजल पर वैट को बढ़ाने का एलान किया। हिमाचल में डीजल अब और 3 रुपए महंगा हो गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक अब डीजल के प्रति लीटर पर 7.40 रुपए की जगह 10.40 रुपए वैट देना होगा। यानी डीजल पर जो वैट 9.96 फीसदी था। वो अब 13.9 फीसदी हो गया है। डीजल की कीमत में ये बढ़ोतरी शुक्रवार रात 12 बजे से ही लागू हो गई है। इससे पहले सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इसी साल 7 जनवरी को डीजल पर 3 रुपए वैट बढ़ा दिया था। ताजा वैट बढ़ोतरी के बाद अब हिमाचल प्रदेश में 1 लीटर डीजल की कीमत 90 रुपए के आसपास हो जाएगी।

sukhvinder singh sukkhu 1

सीएम सुक्खू ने पहले कहा था कि बाढ़ की वजह से हिमाचल प्रदेश को करीब 8000 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने जनता से आपदा राहत कोष मे सहयोग की अपील की थी। केंद्र सरकार से भी 2000 करोड़ की अंतरिम राहत मांगी थी। सुक्खू सरकार अब तक 1100 करोड़ खर्च कर चुकी है। इसी को पूरा करने के तहत शायद डीजल की कीमत में इजाफे का फैसला किया गया है। इससे पहले जब डीजल की कीमत में 3 रुपए का इजाफा किया गया था, तब सीएम सुक्खू ने कहा था कि बीजेपी की सरकार ने वैट घटाया था और इससे हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ हो गया है। आर्थिक हालात देखकर ये फैसला लिया गया। वैसे भी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने कई मुफ्त की योजनाएं भी चला रखी हैं। इनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं को 1500 रुपए देने के अलावा राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में वापस लाना है। इससे भी सरकार का खर्च काफी बढ़ा है।