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West Bengal: बंगाल में कांग्रेस कर रही अपने वाम-आईएसएफ गठबंधन का बचाव

WEST BENGAL ASSEMBLY ELECTION: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के ‘असंतुष्ट खेमे’ के सदस्य आनंद शर्मा द्वारा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन पर आपत्ति जताए जाने के बाद कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई है। पार्टी के राज्य प्रमुख और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और प्रदेश प्रभारी जितिन प्रसाद इस गठबंधन का बचाव करने के लिए सामने आए हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के ‘असंतुष्ट खेमे’ के सदस्य आनंद शर्मा द्वारा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन पर आपत्ति जताए जाने के बाद कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई है। पार्टी के राज्य प्रमुख और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और प्रदेश प्रभारी जितिन प्रसाद इस गठबंधन का बचाव करने के लिए सामने आए हैं। सोमवार को आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पार्टी की कोर विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता है। यह कहते हुए कि कांग्रेस केवल सांप्रदायिकता से लड़ने को लेकर चयनात्मक नहीं हो सकती है, बल्कि उसे हर तरह की सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ना चाहिए।

शर्मा ने कहा, “आईएसएफ और इस तरह की पार्टियों के साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। जबकि पार्टी की आत्मा के मूल में यही विचारधाराएं हैं। इन मुद्दों को सीडब्ल्यूसी द्वारा मंजूरी पाने की जरूरत है। साथ ही कांग्रेस सांप्रदायिकता से लड़ने में चयनात्मक नहीं हो सकती।”

बता दें कि बंगाल चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर वामपंथी और इंडियन सेकुलर फंट्र (आईएसएफ) कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं।

Adhir Ranjan and Anand Sharma

वहीं आनंद शर्मा के ऐसे तीखे तेवरों का जबाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट के जरिए दिया है। उन्होंने कहा, “आनंद शर्मा जी अपने तथ्यों के बारे में जानें। पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) नेतृत्व वाला वाम मोर्चा धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है और कांग्रेस इसका एक अभिन्न हिस्सा है। हम भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति और निरंकुश शासन को हराने के लिए संकल्पित हैं। कांग्रेस को सीटों का पूरा हिस्सा मिला है। वाम मोर्चा नवगठित भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा को अपनी सीटों में से हिस्सा दे रहा है। सीपीएम के नेतृत्व वाले मोर्चे को आपके द्वारा ‘सांप्रदायिक’ कहा जाना केवल बीजेपी के ध्रुवीकरण के एजेंडे की सेवा करना है।”

Adhir Ranjan

रंजन ने शर्मा से पार्टी के लिए काम करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जो लोग भाजपा के सांप्रदायिकता की राजनीति के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वे कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए और उसके लिए प्रचार करना चाहिए। ना कि उन्हें कांग्रेस और भाजपा के एजेंडे पर टिप्पणी करके पार्टी को कमजोर करना चाहिए। हम व्यक्तिगत तौर आरामदायक जगहों की चाह रखने वाले उन प्रतिष्ठित कांग्रेसियों के एक चुनिंदा समूह से आग्रह करेंगे कि वे प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने में समय बर्बाद न करें। उनकी जिम्मेदारी पार्टी को मजबूत बनाने की है।”

पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी जितिन प्रसाद ने भी आनंद शर्मा के बयान पर टिप्पणी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पार्टी और कार्यकर्ताओं के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए गठबंधन करने के निर्णय लिए जाते हैं। अब समय आ गया है कि सभी लोग हाथ मिलाएं और उन राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए काम करें, जहां चुनाव होने वाले हैं।”

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी आईएसएफ के साथ गठबंधन में हैं और यहां के विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाना चाहते हैं। ताकि चुनाव केवल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच की लड़ाई तक सीमित न रहे।