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Revanth Reddy Swearing-in Ceremony: रेवंत रेड्डी बने तेलंगाना के CM, भट्टी विक्रमार्क ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ

Revanth Reddy Swearing-in Ceremony: बता दें कि रेवंत रेड्डी ने अपने सियासी सफर का आगाज अखिल भारतीय परिषद से किया था, जिसके बाद उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी का दामन थाम लिया था, लेकिन जब उन्हें वहां सियासी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई थी, तो उन्होंने वहां से रूख करते हुए कांग्रेस की नौका पर सवार होने का मन बना लिया। वहीं, कांग्रेस ने उनकी काबिलियत को भांपते हुए उन्हें उनकी हैसियत के हिसाब से पद दिया।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री बन गए हैं। गुरुवार को हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में उन्हें राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन ने सीएम पद की शपथ दिलाई। बता दें कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना के पहले कांग्रेस सीएम भी बने हैं। वहीं भट्टी विक्रमार्क ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली हैं। रेवंत रेड्डी के साथ 11 मंत्री शपथ ले रहे हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम नेता मंच पर मौजूद रहे।

सीएम समेत 12 मंत्रियों ने ली शपथ-

सीएम के अलावा 12 मंत्रियों ने शपथ ली है जिनमें, थुम्मला नागेश्वर राव, जुपल्ली कृष्ण राव, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, अनसूया सीथाक्का, उत्तम कुमार रेड्डी, सी दामोदर राजनरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और डी. श्रीधर बाबू ने तेलंगाना मंत्री के रूप में शपथ ले ली है।

पीएम मोदी ने रेवंत रेड्डी को दी बधाई-

रेवंत रेड्डी के तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ”मैं राज्य की प्रगति और उसके नागरिकों के कल्याण के लिए हर संभव समर्थन का आश्वासन देता हूं।”

जानिए कौन हैं रेवंत रेड्डी

साल 2013 में तेलंगाना के गठन के बाद से दो बार यहां केसीआर सत्ता पर काबिज रहे। लेकिन वो राज्य में जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाए। पहली बार तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी हैं। बता दें कि रेवंत रेड्डी ने अपने सियासी सफर का आगाज अखिल भारतीय परिषद से किया था, जिसके बाद उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी का दामन थाम लिया था, लेकिन जब उन्हें वहां सियासी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई थी, तो उन्होंने वहां से रूख करते हुए कांग्रेस की नौका पर सवार होने का मन बना लिया। वहीं, कांग्रेस ने उनकी काबिलियत को भांपते हुए उन्हें उनकी हैसियत के हिसाब से पद दिया।

बता दें कि पार्टी ने उन्हें अध्य़क्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। उधर, सियासी विश्लेषक इस बात को मानने से तनिक भी गुरेज नहीं करते हैं कि रेवंत रेड्डी की अगुवाई में तेलंगाना में पार्टी में जमीनी स्तर पर काफी मजबूत हुई है। आज इसी मजबूती का नतीजा है कि कांग्रेस केसीआर के दुर्ग को ध्वस्त कर अपना दुर्ग स्थापित करने में सफल हो पाई है।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें, तो राज्य की 119 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने 64 सीटें जीती, जबकि बीआरएस के खाते में 39 सीटें आई। वहीं भाजपा को 8, AIMIM 7 और एक सीट अन्य को मिली।