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Congress- BJP : BBC डॉक्यूमेंट्री बैन पर हायतौबा कर रही कांग्रेस भी लगा चुकी है इन डॉक्यूमेंट्रीज पर बैन, फिर विरोध क्यों?

Congress- BJP : अगर विवादित डॉक्यूमेंट्री की बात करें तो आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री ‘राम के नाम’ की गिनती सबसे विवादित डॉक्युमेंट्री में की जाती है। 1992 में फिल्माई गई ये डॉक्यूमेंट्री अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अभियान पर आधारित है।

नई दिल्ली। PM मोदी के खिलाफ बीबीसी की उस डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद हो रहा है जिसमें गुजरात दंगों की बात है। जिसमें नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मुसलमानों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेस्चन’ में बताया गया है कि 2002 के गुजरात दंगों और इससे जुड़े अदालती विवादों से पीएम मोदी का क्या रसूख रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री पर कथित तौर पर बैन लगाए जाने के बाद सरकार की आलोचना की जा रही है।आपको बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री पर सरकार पर आरोप हैं कि वे बोलने की आजादी का हनन कर रही है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया जाना, नया नहीं है। इतिहास को पीछे मुड़ कर देखें तो सरकार की तरफ से कई डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया जा चुका है। यहां देखें उन डॉक्यूमेंट्री की पूरी सूची –

कलकत्ता और फैंटम इंडिया

बता दें कि बीबीसी का भारत सरकार के खिलाफ बनाई जाने वाले डॉक्यूमेंट्री का शगल नया नहीं है। ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ और ‘इंडियाज डॉटर’ से पहले, ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर ने 1970 के दशक में सरकार के खिलाफ कलकत्ता और फैंटम इंडिया को रिलीज किया था।

फाइनल सॉल्यूशन

दशकों पहले राकेश शर्मा की तरफ से डायरेक्ट की गई डॉक्यूमेंट्री ‘फाइनल सॉल्यूशन’ में बताया गया था कि गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा को प्लान किया गया था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने डॉक्यूमेंट्री को समाज में हिंसा फैलाने वाला बताते हुए इसे पास नहीं किया।


राम के नाम

अगर विवादित डॉक्यूमेंट्री की बात करें तो आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री ‘राम के नाम’ की गिनती सबसे विवादित डॉक्युमेंट्री में की जाती है। 1992 में फिल्माई गई ये डॉक्यूमेंट्री अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अभियान पर आधारित है।

इंडियाज डॉटर

गौरतलब है कि बीबीसी की एक और डॉक्यूमेंट्री ने 2015 में विवाद खड़ा कर दिया था। लेस्ली उडविन की ‘इंडियाज डॉटर’ दिल्ली में कुख्यात निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या पर आधारित थी। बलात्कारियों में से एक मुकेश के साथ इंटरव्यू के कुछ हिस्सों सहित फिल्म के कुछ अंश प्रसारित किए जाने के बाद पुलिस ने इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, बीबीसी ने इसे भारत में जारी नहीं किया।

इंशाअल्लाह, फुटबॉल

कश्मीरी फुटबॉल कल्चर पर आधारित यह डॉक्यूमेंट्री एक युवा कश्मीरी फुटबॉलर पर बनी है जो ब्राजील में खेलने की इच्छा रखता था लेकिन उसे पासपोर्ट से वंचित कर दिया गया था क्योंकि उसके पिता एक पूर्व आतंकवादी थे। लड़के ने कई पुरस्कार जीते लेकिन उसे सरकारी दबदबे का सामना करना पड़ा।