
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ये कह रही थी कि उसके पास फंड की कमी है। ओडिशा में तो कांग्रेस की एक उम्मीदवार ने ये कहते हुए टिकट लौटा दिया था कि पार्टी उनको प्रचार के लिए फंड नहीं दे रही है। अब जो खबर आई है, उसके मुताबिक लोकसभा और उसके साथ हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचार पर खूब खर्च किया है। कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग को खर्च का जो विवरण दिया गया है, उसमें बताया गया है कि पार्टी ने लोकसभा और उसके साथ हुए विधानसभा चुनाव में 585 करोड़ रुपए खर्च किए। लोकसभा चुनाव के साथ ही कांग्रेस ने सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, लेकिन कहीं भी उसकी सरकार नहीं बन सकी।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि जो 585 करोड़ रुपए उसने खर्च किए, उसमें से 70 फीसदी विज्ञापन और मीडिया अभियान के लिए रहा। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि उसने डिजिटल तरीके से प्रचार के काम में 46 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। लोकसभा और उसके साथ हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य स्टार प्रचारकों की हवाई यात्राओं पर पार्टी ने 105 करोड़ रुपए खर्च करने की जानकारी दी है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया है कि राहुल गांधी और प्रमुख लोकसभा प्रत्याशियों को उसने 11.20 करोड़ की रकम चुनाव लड़ने के लिए दी।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले आरोप लगाया था कि इनकम टैक्स विभाग ने उसके खाते फ्रीज कर दिए हैं और उसके पास चुनाव लड़ने के लिए धन नहीं है। इसके बाद इनकम टैक्स ने बताया था कि चुनाव खत्म होने तक कांग्रेस के खाते पर फ्रीज हटा लिया गया है। उस वक्त कांग्रेस के पास 170 करोड़ रुपए थे। वहीं, उसे 13.76 करोड़ रुपए नकद समेत 539.37 करोड़ रुपए मिले भी थे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 99 सीटें जीतीं। इनमें अमेठी और रायबरेली की सीट भी शामिल है।