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Jack Dorsey: ट्विटर के पूर्व सीईओ द्वारा केंद्र सरकार पर आरोप लगाए जाने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, तो बीजेपी ने ऐसा किया पलटवार

Jack Dorsey: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाना साधा और प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाए। हालांकि, अब भाजपा ने पलटवार किया है, जिसमें अमित मालवीय, पार्टी के प्रमुख सदस्यों में से एक, ने कांग्रेस के आरोपों को धज्जियां उड़ा दी है।

नई दिल्ली। हाल ही में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। डोर्सी का कहना है कि भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के समय सरकार ने ट्विटर से कई ऐसे खातों को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे जिनमें सरकार को आलोचना की गई थी। उनके अनुसार, भारतीय सरकार ने उन पर दबाव बनाया और ट्विटर को भारत में प्रतिबंधित करने की भी धमकी दी थी।

इन आरोपों के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाना साधा और प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाए। हालांकि, अब भाजपा ने पलटवार किया है, जिसमें अमित मालवीय, पार्टी के प्रमुख सदस्यों में से एक, ने कांग्रेस के आरोपों को धज्जियां उड़ा दी है। उनके ट्वीट में कहा गया है, “जैक डोर्सी, पूर्व ट्विटर सीईओ, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया भर की सरकारों से सामना की गई चुनौतियों के बारे में बात करते हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि डोरसी के तहत, ट्विटर ने उन संप्रभु कानूनों की अवहेलना की, जिनमें वे काम कर रहे थे, उनका मजाक उड़ाया था। भाषण की स्वतंत्रता (वैचारिक रूप से अलग-अलग आवाज़ों पर प्रतिबंध लगाना) और कई मामलों में अलगाववादी आवाज़ों को बढ़ावा देना और जो लोग सामाजिक दोष रेखाओं को बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे, जिनमें कई ट्विटर कर्मचारी शामिल हैं (डोरसी खुद इसके लिए दोषी हैं)।

इलॉन मस्क द्वारा ट्विटर पर कई लोगों से छुटकारा पाने के बाद कई TwitterFiles की रिलीज़ हुई है। यह दिखाता है कि ट्विटर हमेशा सही नहीं रह सकता था और अमेरिका में उनकी खुद की सरकार के साथ हर दूसरी सरकार गलत थी।

पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर ने किया पलटवार

पूर्व आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पूर्व ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी के “दबाव” दावे पर प्रतिक्रिया दी है। डोर्सी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में दावा किया था कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों की आवाज को दबाने के लिए उनपर भारतीय सरकार द्वारा दबाव डाला गया था।

प्रसाद ने इस दावे को नकारा है और इसे “दुष्प्रचार” बताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार कभी भी ऐसे दबाव का इस्तेमाल नहीं करती है और यह दावा असामयिक और अनुचित है। प्रसाद ने कहा कि ट्विटर जैसी कंपनियों को नियमों का पालन करना चाहिए और उन्हें भारतीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए। यह वही जैक डोर्सी हैं जो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में जब हमला होता है तो टि्वटर अकाउंट्स को सस्पेंड कर देते हैं और वही ट्विटर जब भारत में खालिस्तान समर्थक प्रोटेस्ट होते हैं तो उनको प्रमोट भी करता है। इसके अलावा जब सीमा पार से पड़ोसी मुल्कों द्वारा ट्विटर के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाया जाता था तभी ट्विटर ने कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। इसको लेकर हमने आपत्ति जरूर जताई थी।

 

एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि सिर्फ कांग्रेस के हैंडल ही इसको प्रमोट कर रहे हैं लगता है जैसे राहुल जी और व्हाइट हाउस के बीच इस बारे में पहले बातचीत हो चुकी है।