
पटना। बिहार में इस साल नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले ये खबर आई है कि कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में उन सीटों पर लड़ने का फैसला किया है, जिसमें उसे जीत हासिल हो सकती है। साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीट पर लड़ी थी और सिर्फ 19 सीट ही जीत सकी थी। अखबार दैनिक हिंदुस्तान ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस बार लालू यादव की आरजेडी से कांग्रेस उन सीटों की मांग करेगी, जिन पर उसके जीतने की उम्मीद है। खबर के मुताबिक कांग्रेस ने एक सर्वे भी कराया है। अगर कांग्रेस ऐसा करती है, तो आरजेडी से उसकी तनातनी भी हो सकती है।
अखबार की खबर के मुताबिक कांग्रेस ने जो सर्वे कराया, उससे पता चला है कि बिहार विधानसभा की 60 सीटें ऐसी हैं, जिन पर पार्टी को जीत की उम्मीद है। इन सीटों पर कांग्रेस के पास संगठन भी है और मजबूत उम्मीदवार भी। ऐसे में कांग्रेस ने फैसला किया है कि आरजेडी से जब सीट बंटवारे पर बातचीत होगी, तो पार्टी उन सीटों को ही लेने पर जोर देगी। अखबार को कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि इस बार सीटों की ज्यादा संख्या की जगह जीत वाली विधानसभा सीट पर जोर दिया जाएगा। इससे पहले सूत्रों के हवाले से ये खबर भी आई थी कि बिहार के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि पार्टी आरजेडी और अन्य दलों से गठबंधन की जगह अकेले दम पर चुनाव लड़े।
बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव और बाद में कई सीट पर हुए उपचुनाव के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या 80 और सहयोगी जेडीयू के विधायकों की संख्या 45 है। वहीं, लालू यादव की आरजेडी के विधायकों की मौजूदा संख्या 77 है। सीपीआई-एमएल के 11 विधायक हैं। बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 19, सीपीएम और सीपीआई के 2-2 और एआईएमआईएम का एक विधायक है। बिहार विधानसभा में कुल सीट की संख्या 243 है। यानी यहां बहुमत के लिए 124 विधायक होने जरूरी हैं।