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Teesta Setalvad: विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें, तीस्ता सीतलवाड़ बनी गले की फांस, भाजपा का कांग्रेस पर करारा वार

Teesta Setalvad: ऐसे में अब जब भाजपा के हाथ कांग्रेस के खिलाफ पुख्ता सबूत लग चुके हैं तो देखना ये भी होगा कि क्या खुद पीएम मोदी संसद सत्र में इस बारे में कोई बयान देते हैं या नहीं। हालांकि, इतना तय है कि संसद के दोनों सदनों में तीस्ता और कांग्रेस के कथित सांठगांठ की गूंज जरूर सुनाई देगी।

नई दिल्ली। साल 2002 के गुजरात दंगों को भला कैसे भूला जा सकता है। 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हिंसा के दौरान 69 लोग मारे गए थे जिसमें कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी भी शामिल थे। अब इस मामले में कथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे और अब दिवंगत नेता अहमद पटेल के बीच सांठगांठ से गुजरात के तत्कालीन सीएम रहे नरेंद्र मोदी को बदनाम कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगा है। यह चौंकाने वाले खुलासे गुजरात सरकार द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट में हुए हैं।

soniya rahul

अब इस खुलासों के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। अब भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले को लेकर कहा है कि गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ ने जो कुछ भी किया, वो सब कांग्रेस के इशारे पर हुआ। पात्रा ने ये भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से तीस्ता को करीब 30 लाख रुपये का भुगतान भी किया गया था।

Narendra Modi and Ahmed Patel

पात्रा ने इस मामले पर सामने आकर कहा कि जो कुछ भी किया गया वो केवल गुजरात और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए हुआ। सत्ता पाने की चाहत के लिए इस पूरी षडयंत्र को सचा गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ को पर्सनल यूज के लिए अपनी तिजोरी से पैसे भी दिए थे। पात्रा ने कहा कि भले ही इस पूरे खेल को अहमद पटेल ने अंजाम दिया, लेकिन इसके पीछे दिमाग सोनिया गांधी का ही था। यहां ध्यान हो कि अहमद पटेल उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खास राजनीतिक सलाहकार थे।

ahmad patel modi teesta sitalvad

एसआईटी रिपोर्ट में हुआ था खुलासा

बीते दिन शुक्रवार को एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर दावा किया था कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस की तरफ से फंड मिला। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि साल 2002 में सीतलवाड़ गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के तुरंत बाद गुजरात में निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए एक बड़ा प्लान खेल रही थी। यही नहीं इसके लिए तीस्ता सीतलवाड़ को प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के एक बड़े नेता ने वित्तीय सहायता भी दी।

teesta setalvad

ऐसे में अब जब भाजपा के हाथ कांग्रेस के खिलाफ पुख्ता सबूत लग चुके हैं तो देखना ये भी होगा कि क्या खुद पीएम मोदी संसद सत्र में इस बारे में कोई बयान देते हैं या नहीं। हालांकि, इतना तय है कि संसद के दोनों सदनों में तीस्ता और कांग्रेस के कथित सांठगांठ की गूंज जरूर सुनाई देगी।