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West Bengal: प्रसव के बाद जीवन के लिए संघर्ष करती कोरोना पॉजिटिव मां, नवजात से उसकी पहली मुलाकात दिल को छू लेने वाली

West Bengal: डॉक्टर आरफ़ा सजादीन की यह पूरी कहानी बड़ी चौंकाने वाली रही है। जन्म के तुरंत बाद डॉक्टर आरफ़ा सजादीन और उनके शिशु को अलग कर दिया गया था। इस नवजात को एनआईसीयू में भर्ती कराया गया। जबकि मां, जो कोरोनवायरस पॉजिटिव पाई गई थीं उनकी हालत गंभीर हो गई और उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 25 वर्षीय डॉक्टर आरफ़ा सजादीन और उनके नवजात शिशु का कोविड-19 के संक्रमण के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होना स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला है। साथ ही यह अन्य लोगों के लिए मुस्कान और खुशी भी लेकर आया है। इस कोरोना काल में जहां एक तरफ नेगेटिव खबरों से पूरा देश घबरा रहा है। वहां इस तरह की खबरें लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए काफी है।

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डॉक्टर आरफ़ा सजादीन की यह पूरी कहानी बड़ी चौंकाने वाली रही है। जन्म के तुरंत बाद डॉक्टर आरफ़ा सजादीन और उनके शिशु को अलग कर दिया गया था। इस नवजात को एनआईसीयू में भर्ती कराया गया। जबकि मां, जो कोरोनवायरस पॉजिटिव पाई गई थीं उनकी हालत गंभीर हो गई और उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

डिलीवरी के बाद महिला ने 10 दिनों तक वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ी। शुक्रवार को वे पहली बार मिले। दिल को छू लेने वाली मुलाकात को कुछ लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया और यह दिल को झकझोर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।


डॉक्टर आरफ़ा सजादीन ने जब पहली बार अपने बच्चे को गोद में लिया तो वह टूट सी गई। अब पश्चिम बंगाल के हावड़ा में ILS अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मां और बच्चा दोनों ठीक हैं और घर जाने के लिए तैयार हैं। जब डॉक्टर आरफ़ा सज़ादीन का आईसीयू में इलाज चल रहा था, तब डॉक्टर उन्हें वीडियो कॉल के ज़रिए उनके बच्चे को दिखाते रहते थे।