नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच जहां इटली और इजरायल जैसे देशों ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की वैक्सीन बना लगी है, वहीं अब भारत ने भी स्वदेशी वैक्सीन बनाने को लेकर बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि इस वैक्सीन को तैयार करने के लिए भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भारत बायोटेक इंटरनैशनल (बीबीआईएल) से हाथ मिलाया है।
एक बयान में बताया गया कि टीके का विकास आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में अलग किए गए वायरस के ‘उप-प्रकार’ का इस्तेमाल कर किया जाएगा। इस दिशा में अगर सबकुछ स्थितियों के अनुकूल रहा तो मुमकिन है कि भारत बगैर किसी देश की मदद के जल्द ही इस वैक्सीन को तैयार कर लेगा।
कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए पुणे के लैब से वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को भेज दिया गया है। इसे लेकर आईसीएमआर ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अब वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा। अगर वैक्सीन तैयार हो जाती है तो सबसे पहले जानवरों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
.@ICMRDELHI has transferred the #Covid_19 strain isolated at @icmr_niv to @bharatbiotech. We will be partnering with them to develop an indigenous #Covid_19 vaccine!#icmrfightscovid19 #IndiaFightsCoronavirus @MoHFW_INDIA #MakeInIndia pic.twitter.com/Q73JZsU30f
— ICMR (@ICMRDELHI) May 9, 2020
आईसीएमआर ने जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक, ‘दोनों सहयोगियों ने वैक्सीन तैयार करने को लेकर काम शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में आईसीएमआर- राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की तरफ से भारत बायोटेक इंटरनैशनल को लगातार मदद मिलेगीष वैक्सीन को तैयार करने, जानवरों पर परीक्षण करने तथा क्लिनिकल ट्रायल को तेज करने के लिए आईसीएमआर और बीबीआईएल तेजी से मंजूरी लेते रहेंगे।’
इस समझौते को लेकर आईसीएमआर ने कहा है कि ‘दो साझेदारों के बीच टीके के विकास पर काम शुरू हो चुका है। आईसीएमआर-एनआईवी टीके के विकास के लिए बीबीआईएल को सतत मदद उपलब्ध कराएगा।’