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निजामुद्दीन मरकज: पूरे मामले से पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है तबलीगी जमात, जानिए इसकी हकीकत क्या है?

कोरोनावायरस के चलते देशभर में चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन के बीच राजधानी दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां पर एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश के मिलाकर कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए

नई दिल्ली। देशभर में चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन के बीच राजधानी दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां पर एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए यहां पर दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश के मिलाकर कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए जबकि मरकज के आसपास में दिल्ली के करीब 500 लोग इसमें शामिल हुए थे।

तबलीगी जमात की तरफ से एक प्रेस स्टेटमेंट इसके बाद जारी कियुआ गया। जिसमें कहा गया है कि तबलीगी जमात 100 साल से पुरानी संस्था है और इसका हेड क्वार्टर दिल्ली की बस्ती निजामुद्दीन में है। इतना ही नहीं यहां पर देश-विदेश से लोग सालों-साल से आते रहे हैं और यह सिलसिला लगातार चलता है। जिसमें लोग 2 दिन 5 दिन या 40 दिन के लिए आते हैं और मरकज में ही रहते हैं। यहीं से तबलीगी का काम करते हैं।

तबलीगी जमात की ओर से दिए गए बयान में यह बोला गया है कि जब भारत में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में मौजूद थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने लॉक डाउन का ऐलान किया था। उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया था और बाहर से किसी भी व्यक्ति के आने पर पाबंदी थी। जो लोग मरकज में उस वक्त मौजूद थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम भी शुरू हो चुका था। 21 मार्च से ही रेल सेवाएं पूरे देश में बंद होने लगीं थीं। इसलिए बाहर के लोगों को उनके घर भेजना बेहद मुश्किल हो गया था फिर भी दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को लॉक डाउन के बीच घर भेज दिया गया था। करीब हजार लोग मरकज में बचे रह गए थे।

तबलीगी जमात की संस्था ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री के आदेश को देखते हुए लोगों को घर भेजना बेहतर नहीं समझा इसलिए उनको वही पर रखा था। 22 मार्च को अचानक SHO निजामुद्दीन ने हमको एक नोटिस भेजा कि हम धारा 144 का उल्लंघन कर रहे हैं। 25 मार्च को तहसीलदार और एक मेडिकल की टीम हमारे पास आई थी उन्होंने लोगों की जांच की। 26 मार्च को हमें एसडीएम के ऑफिस में बुलाया गया था इसके बाद वहां पर हमने उन्हें फंसे हुए लोगों की जानकारी दी और कर्फ्यू पास मांगा।

letter to tableege jamat

 

27 मार्च को 6 लोगों की तबीयत अचानक खराब होने लगी इसकी वजह से उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया था। 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम मरकज के अंदर से 33 लोगों को जांच के लिए ले गई थी। जिन्हें राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में रखा गया था। इसके बाद अचानक से 30 मार्च को यह खबर सोशल मीडिया में फैल गई कोरोना के मरीज मरकज में रखे गए हैं।

इस खबर के बाद मुख्यमंत्री ने भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि अब तक कुल 860 लोगों को मरकज से निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया है वहीं अभी 300 और लोगों को निकालकर अस्पताल ले जाया जा रहा है। इन्हीं में से मरकज में शामिल होने वाले 6 लोगों की तेलंगाना में कोरोनावायरस के चलते मौत की भी खबर आई है उधर अंडमान में भी मरकज में शामिल हुए 10 लोगों को कोरोना रिपोर्ट में पॉजिटिव पाया गया है।