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एक शोध की मानें तो कोरोना से निपटने के लिए भारत में इतने दिनों का लॉकडाउन है जरूरी

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के दो शोधकर्ता कोरोना वायरस को लेकर एक नए गणितीय मॉडल के साथ आए हैं।

नई दिल्ली। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के दो शोधकर्ता कोरोना वायरस को लेकर एक नए गणितीय मॉडल के साथ आए हैं, जिसमें भारत में 49 दिनों के लिए पूरी तरह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन या दो महीनों में समय-समय पर छूट के साथ निरंतर लॉकडाउन की बात कही गई है, जो भारत में कोविड-19 को दोबारा उभरने से रोकने के लिए जरूरी हो सकता है। विश्वविद्यालय में व्यावहारिक गणित और सैद्धांतिक भौतिकी विभाग से राजेश सिंह के सहयोग से रणजय अधिकारी द्वारा लिखा गया शोधपत्र दर्शाता है कि भारत सरकार ने जो 21 दिन का लॉकडाउन लगाया है, उसके प्रभावी होने की संभावना नहीं है और ‘इसके अंत में कोविड-19 का फिर से उभार होगा।’

University of Cambridge UK

देश में कोविड-19 महामारी पर सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के प्रभाव के आकलन का शायद यह पहला मॉडल है, जिसमें भारतीय आबादी की उम्र और सामाजिक संपर्क संरचना को शामिल किया गया है।

शोधपत्र का शीर्षक है ‘एज स्ट्रक्चर्डइम्पैक्ट ऑफ सोसल डिस्टेंसिंग ऑन द कोविड-19 एपिडेमिक इन इंडिया’।

Coronavirus

अध्ययन में सोशल डिस्टेंसिंग उपायों- कार्यस्थल में गैर मौजूदगी, स्कूल बंद करने, लॉकडाउन और इसकी अवधि के साथ उनकी प्रभावाकारिता का आकलन किया गया है।

शोधकर्ताओं ने भारत में कोविड-19 महामारी के बढ़ने का अध्ययन करने के लिए सर्वेक्षणों और बेजन इम्प्यूटेशन से प्राप्त सामाजिक संपर्क मैट्रिसेज के साथ एक आयु-संरचित एसआईआर मॉडल का प्रयोग किया।

University of Cambridge UK

लेखकों ने लिखा, “सामाजिक संपर्क की संरचनाएं गंभीर रूप से संक्रमण के प्रसार को निर्धारित करती हैं और टीकों के अभाव में, बड़े पैमाने पर सामाजिक दूरी के उपायों के माध्यम से इन संरचनाओं का नियंत्रण शमन का सबसे प्रभावी साधन प्रतीत होता है।”

Corona Patient

भारत में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च की मध्यरात्रि से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।