नई दिल्ली। राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को शिव मंदिर बताने का दावा करने वाली याचिका अदालत ने स्वीकार कर ली है। अजमेर सिविल कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए दरगाह कमेटी को नोटिस जारी किया है। सिविल जज मनमोहन चंदेल ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से भी जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने यह याचिका दायर की है। अपनी याचिका में विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह दरअसल संकट मोचन महादेव मंदिर है।
#BREAKING : Court has accepted the petition claiming Ajmer Sharif Dargah as a Hindu temple of God Shiva as alleged Om & Swastik symbols found on windows of Dargah. Notice issued to all concerned parties. pic.twitter.com/bmr1INIpaW
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) November 27, 2024
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता के वकील की ओर से आज कोर्ट में रामस्वरूप बिश्नोई ओर ईश्वर सिंह ने बहस की। इस दौरान विष्णु गुप्ता ने दरगाह के पहले मंदिर होने के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। उन्होंने अजमेर दरगाह का सर्वेक्षण कराने और हिंदुओं को वहां पूजा करने की अनुमति देने की मांग उठाई। विष्ण गुप्ता ने अजमेर के रहने वाले रिटायर्ड जज हरविलास शारदा की साल 1911 में लिखी किताब ‘अजमेर-हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव’ का हवाला दिया। अपनी इस किताब में पूर्व जज ने दरगाह की मौजूदा इमारत में मौजूद 75 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश होने का दावा किया था।
Rajasthan: A lower court has accepted a petition that refers to the Ajmer Sharif Dargah as a Hindu temple. The next hearing will be on December 20. The petition, filed by the Hindu Sena, claims that the dargah was originally a Shiva temple. Syed Sarwar Chishti, the secretary of… pic.twitter.com/1pAYwcO96j
— IANS (@ians_india) November 27, 2024
साथ ही इसमें एक तहखाना या गर्भगृह की भी बात कही गई है। बताया गया है कि गर्भगृह में शिवलिंग हुआ करता था और ब्राह्मण परिवार द्वारा शिवलिंग की पूजा की जाती थी। बाद में मुसलमान आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर के स्थान पर दरगाह का निर्माण कराया गया था। आपको बता दें कि अजमेर कोर्ट ने इस याचिको ऐसे समय में सुनवाई योग्य माना है जब कि उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर रविवार को ही भारी हिंसा हुई है। वकील विष्णु त्रिपाठी ने अपनी याचिका में जामा मस्जिद के पूर्व में मंदिर होने का दावा किया है।