14 दिन से अधिक क्वारंटीन करने की घटनाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, दिल्ली पर होगा सीधा असर
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि कोरोना संक्रमण से जुड़े हर मामले में 14 दिन का ही क्वारंटाइन होने का आदेश नहीं दिया जा सकता, लेकिन प्रशासन को यह भी देखना चाहिए कि किसी भी नागरिक को मनमाने ढंग से होम क्वारंटाइन में रखना भी उचित नहीं नहीं है। इसके ग़लत परिणाम भी हो सकते हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को क्वारंटीन की अवधि तय करने के निर्देश दिए हैं। कोरोनावायरस के चलते प्रभावित लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है मगर कई मामलों में क्वारंटीन की समय सीमा तय नहीं हो पा रही है। कई मामले ऐसे भी आए जब प्रभावित लोगों को 14 दिन से बहुत अधिक समय तक क्वारंटीन किया गया।
इस मामले से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर क्वारंटाइन किए गए शख्स में 14 दिन के अंदर कोरोना संक्रमण के लक्षण न दिखाई दें तो उसे इस अवधि के बाद क्वारंटाइन से आजाद करने को लेकर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाइकोर्ट ने इसका निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि कोरोना संक्रमण से जुड़े हर मामले में 14 दिन का ही क्वारंटाइन होने का आदेश नहीं दिया जा सकता, लेकिन प्रशासन को यह भी देखना चाहिए कि किसी भी नागरिक को मनमाने ढंग से होम क्वारंटाइन में रखना भी उचित नहीं नहीं है। इसके ग़लत परिणाम भी हो सकते हैं।
इस याचिका में दिल्ली सरकार की क्वारंटाइन से जुड़ी गाइडलाइंस को चुनौती दी गई थी। दरअसल, दक्षिण दिल्ली में 14 अप्रैल को एक पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। इसके बाद प्रशासन ने डिलीवरी बॉय के संपर्क में आए कुछ लोगों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया था।
इसी डिलिवरी ब्वॉय के संपर्क में आए व्यक्ति को 28 दिन का समय बीत चुके होने के बावजूद घर में क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया था। इतना ही नहीं प्रशासन की तरफ से याचिकाकर्ता को 17 अप्रैल को दूसरा नोटिस जारी कर 14 दिन के लिए फिर से क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया। यानि 28 अप्रैल तक क्वारंटाइन में रहने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा उसको घर में ही क्वारंटाइन रहने की हिदायत दी, जबकि नोटिस का समय पूरा हो चुका था।