नई दिल्ली। अगर आप समसामयिक मसलों को लेकर संवेदनशील रहने वाले लोगों में से हैं, तब तो आपको ये पता ही होगा कि मौजूदा वक्त में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर चौतरफा बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है। हालांकि, यह फिल्म अब पर्दे पर प्रदर्शित हो चुकी है और बॉक्स ऑफिस में इसकी कमाई इस बात को बयां करने के लिए पर्याप्त है कि इस फिल्म को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, लेकिन इस फिल्म के रिलीज होने के बाद ही सियासी गलियारों में बड़े-बड़े सियासी जमात सक्रिय हो चुके हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के नेता इसे लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। अब जब किसी फिल्म के रिलीज होने के दौरान किसी नेता की एंट्री हो जाती है, तो चर्चा का पारा गरमा जाता है। अखबारों में उस फिल्म के नाम सुर्खियां छपने लगती हैं, तो इंटरनेट मीडिया पर उसके संदर्भित खबरें वायरल होने लगती हैं, तो वहीं टीवी चैनलों में प्रतिदिन आयोजित होने वाली बहसों में उसे लेकर बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है। वर्तमान में ऐसा ही कुछ फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर हो रहा है।पहले तो आप यह जान लीजिए कि इस फिल्म में नब्बे के दशक में घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए नरसंहार को दृश्यों में बयां किया गया है। मौजूदा वक्त में जो कोई भी इस फिल्म को देख रहा है, उसकी आंखें नम हो जा रही हैं, उसकी संवेदनाएं शब्दों क रूप में बाहर निकल रही हैं। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन से लेकर उनके ऊपर हुए जुल्म की दास्तां को बयां किया गया है। खैर, अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको इस फिल्म को लेकर शुरू हुए सियासी बवाल के बारे में बताने जा रहे हैं।
तो आपको बताते चलें कि इस फिल्म को लेकर सियासी घरानों में दो तरह के गुटों का इजाद हो चुका है। एक गुट ऐसा है, जो इस फिल्म का समर्थन कर रहा है, और दूसरा गुट ऐसा है, जो इस फिल्म का विरोध कर रहा है। इस गुट का कहना है कि आखिर इतिहास की पुरानी बातों को दिखाने के बाद अब क्या औचित्य बनता है। वहीं, इस फिल्म को लेकर आज तक न्यूज चैनल पर कांग्रेस और बीजेपी प्रवक्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बता दें कि डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक और बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया शामिल हुए थें। दोनों ने ही इस फिल्म को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। बहस का सिलसिला शुरू होते ही कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म से शुरू होते-होते धारा 370 तक पहुंच गई। इसके बाद दोनों ही प्रवक्ताओं के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि आखिर किस दल की सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए कितना काम किया है। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास करने के लिए यूपीए और एनडीए में से किसने ज्यादा काम किया है। कांग्रेस का कहना है कि इस फिल्म को अब दिखाने का क्या औचित्य है। तो वहीं बीजेपी का कहना है कि आखिर अभिव्यक्ति की आजादी के दम पर अगर कश्मीरी पंडितों की व्यथा को लोगों के सामने पेश किया जा रहा है, तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है। आइए, हम आपको सब कुछ तफसील से सब कुछ समझाने के लिए बहस के वीडियो का कुछ अंश दिखाते हैं।
देखिए वीडियो…!
कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया (@gauravbh) ने साधा कांग्रेस पर निशान, बोले – सत्य को ना कोई हरा सकता है न दबा सकता है
देखिए #Dangal @chitraaum के साथ LIVE pic.twitter.com/fARtfHkqFI— AajTak (@aajtak) March 15, 2022
तो देखा न आपने कि कैसे कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच द कश्मीर फाइल्स को लेकर बहस का सिलसिला जारी है। उधर, पीएम मोदी ने अभिव्यक्ति की आजादी पर जोर देते हुए कहा था कि कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी पर ज्ञान तो बहुत देते हैं, लेकिन जब बात समाज के अनचाहे सत्यों को समाज के मध्य उजागर करने की बात आती है, तो ये लोग गुरेज करने लग जाते हैं। आपको ये समझने में कोई गुरेज नहीं करना चाहिए की पीएम मोदी ने अपने उक्त कथन के जरिए द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर उठ रहे विरोधी स्वर के संदर्भ में था। अब ऐसी स्थिति में आपका इस फिल्म पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना मत भूलिएगा।