नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया है। इस फैसले के पीछे गाय के भारतीय संस्कृति और वैदिक काल से जुड़े महत्व को प्रमुख कारण बताया गया है। आदेश में कहा गया है कि देसी गाय का दूध मानव आहार के लिए अत्यंत उपयुक्त है और आयुर्वेदिक चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति, और जैविक खेती में इसका विशेष स्थान है। सरकार ने इस आदेश में गाय के दूध, मूत्र, और गोबर के विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक और कृषि उपयोगों का भी जिक्र किया है। आयुर्वेद में गाय के दूध को बच्चों के विकास के लिए अत्यंत लाभकारी बताया गया है। साथ ही, गाय के मूत्र से होने वाले औषधीय लाभ और जैविक खेती में गोबर के उपयोग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
#महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय देशी गाय राज्यमाता-गोमाता घोषित. समस्त संकल्पित एकम सनातनी को हार्दिक अभिनंदन.
“गौमाता-राज्यमाता”से “गौमाता-राष्ट्रमाता” से “गौमाता-विश्वमाता”तक
सनातन संस्कृति,सभ्यता के सशक्तिकरण के लिए संघर्ष जारी रहेगा #गौमाता_राष्ट्रमाता
@SanjayTelnade pic.twitter.com/L74OlLs3uI— THE CONCH BLOWS 🌐 ( शंखध्वनी ) (@The_Conch_Blows) September 30, 2024
गाय का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
भारत में गाय को माता के रूप में पूजने की परंपरा है। हिंदू धर्म में गाय को विशेष स्थान दिया गया है, और इसके दूध, मूत्र, और गोबर को पवित्र मानते हुए कई धार्मिक और चिकित्सा कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इसके कारण इसे धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।प्राचीन काल से भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गायों की सेवा का उल्लेख मिलता है, और वर्तमान समय में भी गाय को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने के लिए कई संगठन और आंदोलन सक्रिय रहे हैं।
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कामधेनू अर्थात देशी गाय आता राज्यात “राज्यमाता-गोमाता” नावाने संबोधली जाईन. थोडक्यात, देशी गायीचे नामकरण आता “राज्यमाता-गोमाता” असे करण्यात आले आहे.🐄
शासननिर्णय/जीआर जारी. 🗞️#महाराष्ट्र pic.twitter.com/mAFYdnrH1l— Ashish Jadhao (@ashish_jadhao) September 30, 2024
गोहत्या और गोतस्करी की घटनाओं पर चिंता
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में गोहत्या और गोतस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य सरकारें इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इन घटनाओं पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गोहत्या के आरोपी महताब आलम को पुलिस द्वारा गोली मारी गई, जबकि मिर्जापुर में गोहत्या के आरोप में बड़ी पुलिस कार्रवाई की गई। वहां पर चौकी इंचार्ज समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और SHO के खिलाफ भी जांच चल रही है।