दिल्ली में गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित 710 मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी से मिला लाभ
कोविड -19 मरीजों की मृत्यु दर कम करने में प्लाज्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और जब तक कोई टीका नहीं आता है, तब तक कॉन्वेसेंट प्लाज्मा थैरेपी को कोविड-19 के प्रभावी उपचार के रूप में देखा जाना चाहिए।
नई दिल्ली। दिल्ली में कोविड के गंभीर रूप से बीमार 710 मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी का लाभ मिला है। प्लाज्मा बैंक की स्थापना के बाद दिल्ली में कोविड मरीजों के लिए ‘ए’ ग्रुप के 171, ‘ओ’ ग्रुप के 180 और ‘बी’ ग्रुप के 269 यूनिट प्लाज्मा दिया गया है। दिल्ली में देश का पहला प्लाज्मा बैंक 2 जुलाई को आईएलबीएस अस्पताल में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य कोविड के गंभीर मरीजों को नि:शुल्क उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा प्रदान करना था। इसके बाद, दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में एक और प्लाज्मा बैंक शुरू किया गया। अब तक 921 लोग प्लाज्मा दान कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली सरकार के आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पताल में स्थापित प्लाज्मा बैंक से दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार व एमसीडी के अस्पतालों के अलावा सभी निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे कोरोना के गंभीर मरीजों को निशुल्क प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा रहा है। आईएलबीएस और एलएनजेपी के प्लाज्मा बैंक से 710 यूनिट प्लाज्मा दिल्ली के विभिन्न सरकारी व निजी अस्प्तालों में इलाज करा रहे कोरोना के गंभीर मरीजों को निशुल्क दिया जा चुका है।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “कोविड -19 मरीजों की मृत्यु दर कम करने में प्लाज्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और जब तक कोई टीका नहीं आता है, तब तक कॉन्वेसेंट प्लाज्मा थैरेपी को कोविड-19 के प्रभावी उपचार के रूप में देखा जाना चाहिए।”
आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पताल में स्थापित प्लाज्मा बैंक में सभी ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा उपलब्ध है। ‘एबी’ ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा मिलने में दिक्कत होती है, लेकिन प्लाज्मा बैंक के स्टॉक में ‘एबी’ ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और डॉक्टर की सलाह पर अब तक ‘एबी’ ग्रुप के 90 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है।
इसके अलावा, दोनों प्लाज्मा बैंक के स्टॉक से ‘ए’ ब्लड ग्रुप के 171, ‘ओ’ ग्रुप के 180 और ‘बी’ ब्लड ग्रुप के 269 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है और उनकी जान बचाई जा सकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब तक 60 साल से कम उम्र के 388 मरीजों को उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा चुका है और 60 साल से उपर के उम्र के 322 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है, जो कोरोना से गंभीर रूप से बीमार होने के कारण खतरे में थे। इसमें सबसे कम उम्र के 18 वर्षीय युवक को उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा दिया गया है, जबकि सबसे अधिक उम्र के 94 वर्षीय एक बुजुर्ग को प्लाज्मा दिया गया है। इसी तरह, अब तक दोनों प्लाज्मा बैंकों के स्टॉक से कोरोना से पीड़ित 522 पुरुष और 188 महिलाएं लाभांवित हुए हैं।”