नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान संगठन के नेता और सदस्य आज से राजधानी दिल्ली में संसद के पास धरना दे रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर अराजकता की खबरें सामने आने लगी हैं। बता दें कि 22 जुलाई को किसान संगठनों ने दिल्ली पुलिस की कुछ शर्तों को मानते हुए अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। वहीं उनके इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं से साफ कह दिया था कि किसी भी सूरत में किसानों को संसद के करीब पहुंचने नहीं दिया जाएगा। मंगलवार को पुलिस और किसान नेताओं के बीच इस मसले पर सहमति नहीं बन सकी थी, लेकिन बुधवार को किसानों ने दिल्ली पुलिस की शर्तें मान लीं। इस बीच बुधवार को हो रहे इस प्रदर्शन में हिंसा की भी खबरें सामने आई हैं। बता दें कि न्यूज 18 चैनल के पत्रकार की पिटाई की खबर सामने आई है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने एक वीडियो भी शेयर किया है।
वीडियो शेयर करते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि, “जिस तरह से इस किसान आंदोलन को बताया जा रहा है वैसा ये बिल्कुल नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है। इसमें मीडिया को निशाना बनाना, लाल किले में तोड़फोड़ करना, ऐसे समय में सीमाओं को बंद करके रखना जब बुवाई और कटाई का मौसम चरम पर है? ये किसान आंदोलन नहीं हो सकता।”
News18’s cameraman Nagendra beaten up at farmer protest…
There is little doubt that this protest is not what it portrays to be. Targeting media, vandalising the Red Fort, holding the capital to ransom, blocking borders at a time when sowing and harvesting seasons are at peak? pic.twitter.com/mxcvdHcbNC
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 22, 2021
किसान आंदोलन के नाम पर हुई इस हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक यूजर ने लिखा कि, “ये बहुत बड़ी गलती कर दी है सरकार ने, बाद मे इन्हे हटाना नामुमकिन हो जायेगा, योगी सरकार तो 26 जनवरी को ही इनको सबको हटा देती और पूरा पुलिस की तैयारी थी लेकिन मुझे लगता है की मोदी सरकार के दबाव के कारण पीछे हटना पड़ा, वर्ण योगी छोडने वालो मे नही है।”
देखिए लोगों ने किस तरह के रिएक्शन दिए..
Blame your govt for not taking action against these rowdies for last 7 months despite serious provocation – attack on Red fort.
— हृषिकेश धर दुबे (@HDDubey9) July 22, 2021
ये बहुत बड़ी गलती कर दी है सरकार ने, बाद मे इन्हे हटाना नामुमकिन हो जायेगा, योगी सरकार तो 26 जनवरी को ही इनको सबको हटा देती और पूरा पुलिस की तैयारी थी लेकिन मुझे लगता है की मोदी सरकार के दबाव के कारण पीछे हटना पड़ा, वर्ण योगी छोडने वालो मे नही है
— Nationalist Neeraj ?? (@neerajlucky12) July 22, 2021
तो कुछ करते क्यू नही अगर ऐसा है तो। सरकार तुम्हारी सारी एजेंसियां तुम्हारी सारा सिस्टम तुम्हारा और फिर भी रोज रोते फिरते हो।
बंगाल मे जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया
जिन्होंने वहा इलेक्शन बीजेपी की सीट पर सामना किया
उनको तो बचा नही पाए।
और सरकार होते हुए भी विक्टिम बनते हो।
गजब— madguy (@kartikbio22) July 22, 2021
Koi Baat Nahi Farmers Isko Mithaai Khila Denge Jaise IAS Saahab Ne UP Mein Reporter Ko Peetne Ke Baad Khilaai Thi, Maan Jayega Yeh Reporter.
— ਹਤਿੰਦਰ ਸਿੰਘ (@Hatindersinghr3) July 22, 2021
पहले @RakeshTikaitBKU का पिछवाड़ा लाल करो आप फिर कंप्लेन करो। यही सारा नरक फैला रहा है।
— Amar U (@akupadhyay83) July 22, 2021
इस देश में आदमी आदमी को मारेगा थोड़े दिन में हालात ऐसे बनते जा रहे ह बस
देखते रहो आघे आघे होता क्या ह
कभी किसी की पिटाई कभी किसी की कुटाई सब होगा— MANGE TYAGI (@tyagimange) July 22, 2021
It is not what it is supposed to be.
It is funded for a different purpose altogether.— Muralidhar Rajagopal (@nrmuralidhar) July 22, 2021
FoE ???
गुंडों को कवरेज दोगे तो क्या वो तुमको बक्श देंगे ?
मिडिया का खड़ा किया रावण आप उन्ही को मार रहा है !
बधाई हो, बहुत ख़ुशी हुई आप की पिटाई का समाचार सुनकर— Yashwant ?? (@Yashwantkt) July 22, 2021
And Supreme Court is sleeping on their appointed committee’s report.?
— Anish Desai (@anishhdesai) July 22, 2021
वहीं किसान आंदोलन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि, हमने किसानों से नए कृषि क़ानूनों के संदर्भ में बात की है।किसानों को कृषि क़ानूनों के जिस भी प्रावधान मे आपत्ति हैं वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।