Brij Bhushan Sharan Singh: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा वाले घर पहुंची दिल्ली पुलिस, पहलवानों ने लगाया है यौन शोषण का आरोप

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एसआईटी बना रखी है। एसआईटी ने अब तक 12 पहलवानों समेत 137 लोगों से बयान दर्ज किए हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों की अगुवाई ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट कर रहे हैं।

Avatar Written by: June 6, 2023 8:39 am
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गोंडा। पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों में घिरे बीजेपी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित घर पर दिल्ली पुलिस के जवान पहुंचे। पता चला है कि यहां तमाम लोगों से पुलिस ने पूछताछ की है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एसआईटी बना रखी है। एसआईटी ने अब तक 137 लोगों से बयान दर्ज किए हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों की अगुवाई ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट कर रहे हैं। ये पहलवान लगातार दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। वहीं, बृजभूषण भी लगातार दावा कर रहे हैं कि पहलवानों का एक भी आरोप साबित हो जाए, तो वो खुद फांसी लगा लेंगे। उन्होंने तमाम आरोपों को सियासत से प्रेरित बताया है। दिल्ली पुलिस पहले भी बृजभूषण शरण से पूछताछ कर चुकी है।

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बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों के धरना स्थल को पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए खाली करा दिया था। ये उस वक्त हुआ था, जब नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान पहलवान अपने समर्थकों के साथ वहां के लिए कूच कर रहे थे। पुलिस की कार्रवाई पर बहुत हंगामा भी मचा था। इसके बाद ये खबर आई थी कि बीते दिनों पहलवानों ने अपने कोच के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से देर रात तक 2 घंटे बैठक की। इस बैठक के बाद एक नया पहलू भी सोमवार को सामने आया था।

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सोमवार को ये खबर मिली थी कि बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने अपनी सरकारी नौकरी एक बार फिर ज्वॉइन कर ली है। इस पर कई मीडिया चैनलों पर चला कि पहलवान अब आंदोलन से अलग हो गए हैं, लेकिन तीनों ही पहलवानों ने ट्वीट कर इन खबरों को गलत बताया था। बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट ने ट्वीट में लिखा था कि नौकरी के साथ उनका आंदोलन अब भी जारी है। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर न्याय हासिल करने के लिए नौकरी छोड़ने की जरूरत पड़ी, तो वे एक मिनट भी नहीं सोचेंगे और नौकरी छोड़ देंगे।