newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi Riots: चार्जशीट में हुआ खुलासा, 2019 चुनाव परिणाम आने के साथ ही शुरू हो गई थी हिंसा भड़काने की साजिश

Delhi Riots: इस पूरी साजिश को अंजाम दिलाने में पिंजरा तोड़ ग्रुप की तरफ से की गई मदद के बारे में भी चार्जशीट(Chargesheet) में लिखा गया है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि कैसे जहांगीरपुरी(Jahangir Puri) से 300 महिलाओं को पहले शाहीन बाग(Shaeen Bagh) धरने के लिए ले जाया जा रहा था

नई दिल्ली। दिल्ली में इस साल फरवरी हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में हुए दंगों को पूरी तरीके सुनियोजित तरीके से किया गया था। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दंगों की साजिश को लेकर तथ्यों के साथ कई बातें रखी गई हैं और कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली दंगों के षडयंत्रकारियों के दिमाग में हिंसा की साजिश 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे मई में आने के बाद से ही चल रही थी। चार्जशीट में कहा गया था कि षडयंत्रकारी मान रहे थे कि अपना खोया जनाधार वापस हासिल करने के लिए हिंसा ही एकमात्र विकल्प है। इस मामले की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने हिंसा में शामिल कई लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत का ब्यौरा भी दिया है और दावा किया है कि कई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली में दंगे भड़काने की साजिश की गई।

Delhi riots

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली के चांद बाग इलाके में एक मीटिंग हुई थी जोकि दंगों से करीब एक हप्ता पहले यानि 16-17 फरवरी 2020 के रात को हुई थी। इसी रात दंगे के षडयंत्रकारियों ने फैसला लिया गया कि प्रदर्शन पूरी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। चार्जशीट के अनुसार षडयंत्रकारियों ने उत्तरी दिल्ली, शहादरा, साउथ डिस्ट्रिक्ट, चांद बाग और जाफराबाद को हॉटस्पॉट के तहत चिन्हित किया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक छानबीन में एक ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप का पता चला है जिसके जरिए हिंसा की साजिश की गई। उस व्हाट्सएप ग्रुप का नाम दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (DPSG) रखा गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस ग्रुप में दंगों को लेकर निर्देश दिए जाते थे। इसी में कहा गया था कि, दिल्ली में अलग अलग जगहों पर धरना, चक्का जाम, ट्रैफिक रोकना और यहां तक की पत्थरबाजी और हिंसा करना होगा। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप के ही कई सदस्यों ने हिंसा के खिलाफ आवाज भी उठाई थी लेकिन वह तब हुआ जब स्थिति बिगड़ चुकी थी।

Delhi Riots petrol

पुलिस का कहना है कि भीड़ का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को लाने और वापस लेकर जाने में इस्तेमाल हुई बसों के ड्राइवरों ने इसकी पुष्टि की है। इस पूरी साजिश को अंजाम दिलाने में पिंजरा तोड़ ग्रुप की तरफ से की गई मदद के बारे में भी चार्जशीट में लिखा गया है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि कैसे जहांगीरपुरी से 300 महिलाओं को पहले शाहीन बाग धरने के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन बाद में उन्हें जाफराबाद पहुंचाया गया और उन महिलाओं का इस्तेमाल जाफराबाद में हिंसा के लिए किया गया और बाद में वापस जहांगीरपुरी छोड़ दिया गया।

Delhi riots

चार्जशीट में कहा गया है कि 16-17 फरवरी 2020 की रात चांद बाग इलाके में जो सीक्रेट मीटिंग हुई थी उसमें जो लोग मौजूद थे, उसमें ये बात हुई कि जो प्रदर्शन एक समुदाय के प्रभुत्व वाले इलाके में हो रहे हैं उन्हें वहां से किसी व्यस्त सड़क की तरफ शिफ्ट किया जाए ताकि चक्का जाम हो सके और चक्का जाम के बाद पुलिस पर हमला, जनता पर हमला, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का काम करना होगा। चार्जशीट के मुताबिक हेड कॉन्स्टेबल रत्न लाल की हत्या मामले में गिरफ्तार एक आरोपी महम्मद अयूब ने इस बात की पुष्टि की, आरोपी मोम्मद अयूब के जरिये 4 और आरोपियों का नाम सामने आया।