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Devendra Fadnavis Faces Maratha Issue: देवेंद्र फडणवीस की राह में ‘मराठा’ का रोड़ा!, दिल्ली में आज बीजेपी नेतृत्व से महायुति नेताओं की अहम बैठक

Devendra Fadnavis Faces Maratha Issue: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे। तबसे 5 दिन बीत चुके हैं और अब तक महायुति ने सीएम का नाम फाइनल नहीं किया है। बीजेपी देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का सीएम बनाना चाहती है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनके सामने मराठा का मुद्दा आ गया है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे। तबसे 5 दिन बीत चुके हैं और अब तक महायुति ने सीएम का नाम फाइनल नहीं किया है। महायुति में शामिल शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बुधवार की शाम ये एलान कर दिया है कि वो सीएम के नाम में कोई अड़ंगा नहीं लगाने जा रहे और पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के फैसले को मानेंगे। इस बीच, खबर ये है कि देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने की राह में ‘मराठा’ का रोड़ा फंस सकता है! जानकारी के मुताबिक इस मामले में अमित शाह और बीजेपी के नेता विनोद तावड़े के बीच बुधवार को अहम बैठक भी हुई।

दरअसल, मराठा का मुद्दा हमेशा महाराष्ट्र की सियासत में अहम रहा है। मराठा आरक्षण की मांग भी वहां लंबे समय से उठ रही है। देवेंद्र फडणवीस मराठा समुदाय से नहीं आते। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ऐसे में बीजेपी देवेंद्र फडणवीस की जगह किसी और नेता को महाराष्ट्र की सत्ता सौंपेगी? ऐसे में आज दिल्ली में होने वाली बैठक बहुत अहम होने जा रही है। जानकारी के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार आज दिल्ली आकर गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में सीएम पद के बारे में सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। इसके बाद ही बीजेपी नेतृत्व तय करेगा कि महाराष्ट्र में महायुति की फिर बनने जा रही सरकार का प्रमुख यानी सीएम कौन होगा। साथ ही इस बैठक में यह भी तय होगा कि एकनाथ शिंदे की नई भूमिका क्या होगी। शिवसेना के नेता पहले ही कह चुके हैं कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने छप्परफाड़ जीत हासिल की है। बीजेपी को महाराष्ट्र चुनाव में 132 सीट पर जीत हासिल हुई है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी 41 सीट पर जीती है। जबकि, महायुति को टक्कर देने उतरे महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सबसे ज्यादा 20 सीट उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी को मिली है। जबकि, शरद पवार के एनसीपी गुट को 10 सीटों पर ही जीत मिली है। जबकि, लोकसभा चुनाव में इन तीन दलों के महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने बहुत ही बेहतर प्रदर्शन किया था।