लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) एक बार फिर बीजेपी के साथ आ गई है। सुभासपा के अध्यक्ष और यूपी के विधायक ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को अमित शाह से मुलाकात के बाद ये जानकारी दी थी। राजभर की पार्टी के बीजेपी के एनडीए खेमे में एक बार जुड़ने के बाद एक अहम सवाल उठ रहा है। सवाल ये है कि माफिया मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी भी क्या बीजेपी का करीबी हो गया? ये सवाल इस वजह से अहम है, क्योंकि मुख्तार अंसारी को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तमाम मुकदमों में जेल भेजा हुआ है। पंजाब से मुख्तार को यूपी लाने के लिए योगी सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर भी लगा दिया था।
मुख्तार के बेटे अब्बास के सुभासपा विधायक होने की वजह से बीजेपी के साथ आने को लेकर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। कई लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर माफिया मुख्तार के बेटे को बीजेपी अपने साथ कैसे ले सकती है? इन सवालों पर बीजेपी की तरफ से खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन ओमप्रकाश राजभर ने मुख्तार के बेटे और बीजेपी के बीच रिश्ते पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। राजभर ने कहा कि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने 2022 में सुभासपा के टिकट पर चुनाव जीता था। इस तरह वो पार्टी के विधायक हैं। यानी कुल मिलाकर राजभर ने अभी इस मुद्दे पर गोलमोल जवाब दिया है। उन्होंने जो कहा, उसका मतलब फिलहाल यही है कि सुभासपा विधायक होने के नाते अब्बास अंसारी को बीजेपी का समर्थन करना होगा। हालांकि, अब्बास ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट नहीं डाला था।
वहीं, अब्बास अंसारी ने भी सुभासपा के बीजेपी के साथ जाने पर अभी कुछ नहीं कहा है। हां, ये जरूर है कि कोर्ट में जज के सामने ही एक गवाह को धमकी देने के मामले में बीते दिनों ही मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार की पुलिस ने नया केस दर्ज किया है। अब सबकी नजर इसपर है कि माफिया मुख्तार के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी पर बीजेपी की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।