पटना। विपक्ष के 26 दलों के नेताओं ने मंगलवार को बेंगलुरु में बड़ी बैठक की। इस बैठक में विपक्ष के इस गठबंधन का नाम INDIA रखा गया। विपक्षी गठबंधन के इस नामकरण के एक दिन बाद ही अब बिहार में कांग्रेस के एक नेता ने गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की जाति बताने वाला बैनर लगा दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस में प्रतिनिधि सिद्धार्थ क्षत्रिय ने ये बैनर लगवाया है। इसमें सबसे ऊपर विपक्ष के इंडिया का मतलब लिखा है। तमाम नेताओं की फोटो लगी है। इसके बाद नीचे कांग्रेस के नेता ने कांग्रेस के राहुल गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बड़ी-बड़ी फोटो लगाई है। इन फोटो के साथ ही इन नेताओं की जाति भी लिख दी गई है।
बैनर में आप देख सकते हैं कि राहुल गांधी को कांग्रेस नेता ने अगड़ा बताया है। वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे को दलित, नीतीश कुमार को पिछड़ा, अतिपिछड़ा और महादलित बताया गया है। वहीं, लालू यादव को पिछड़ी जाति का बताया गया है। वैसे हकीकत ये है कि नेताओं की जाति सही बताई गई है, लेकिन सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन क्या अब जातिवाद के नाम पर बिहार में वोट मांगने जा रहा है? चुनाव के नियम कायदे ये कहते हैं कि जाति, धर्म या संप्रदाय के नाम पर वोट नहीं मांगा जा सकता। पैसा और अन्य फायदे वोटरों को देकर भी वोट हासिल करना अपराध है। फिर विपक्ष के नेताओं की जाति आखिर बताने का मकसद क्या है!
वैसे बिहार की बात करें, तो देश के उन राज्यों में ये शामिल है, जहां जातिवाद का बड़ा जोर रहता है। हर चुनाव में यहां जाति के नाम पर वोटिंग होती है। तो क्या विपक्ष का गठबंधन बिहार में जाति के नाम पर ही लोकसभा चुनाव में वोट मांगेगा? क्या विपक्ष का नया गठबंधन जातिवाद की राजनीति की इस बुराई को खत्म नहीं कर सकता? क्या इन बैनरों पर विपक्ष का कोई नेता सामने आकर कहेगा कि जाति का उल्लेख करना गलत है और बिहार कांग्रेस के नेता के इस बैनर से वो सहमत नहीं?