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What Is Rohit Vemula Bill Of Karnataka In Hindi: क्या है कर्नाटक का रोहित वेमुला बिल? इन प्रावधानों पर सोशल मीडिया में हो रही चर्चा

What Is Rohit Vemula Bill Of Karnataka In Hindi: राहुल गांधी के निर्देश पर ही कर्नाटक की सिद्धारामैया सरकार ने बिल तैयार किया है। इस बिल के प्रावधानों के बारे में सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की कर्नाटक सरकार राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र में ही रोहित वेमुला के नाम पर बने बिल को पेश कर पास कराने वाली है। किसी भी और राज्य में अभी इस तरह का कानून नहीं बनाया गया है।

बेंगलुरु। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार रोहित वेमुला के नाम पर एक बिल लाने जा रही है। अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कर्नाटक विधानसभा के मॉनसून सत्र में ये बिल आएगा। राहुल गांधी की मंजूरी के बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार रोहित वेमुला प्रिवेंशन ऑफ एक्सक्लूजन ऑर इनजस्टिस राइट टू एजुकेशन एंड डिग्निटी बिल 2025 को लाने वाली है। अखबार के मुताबिक इस बिल के पास होने के बाद एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की शिक्षा और सम्मान को संरक्षण देना जरूरी होगा। पास होने के बाद ये कानून सभी सरकारी और निजी यूनवर्सिटी में लागू होगा। इस बिल के प्रावधानों के बारे में सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है।

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इस कानून का उल्लंघन संज्ञेय और गैर जमानती होगा। अखबार के मुताबिक बिल में व्यवस्था की गई है कि उपरोक्त श्रेणी के लोगों का अगर उत्पीड़न होगा, तो पहली बार 10 हजार रुपए और 1 साल की सजा होगी। इसके बाद अगर फिर वही शख्स अपराध करता है, तो उसे 1 लाख रुपए जुर्माना और 3 साल की कैद होगी। अगर किसी संस्थान में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय से भेदभाव किया जाएगा, तो उस पर भी यही सजा लागू होगी। साथ ही उस संस्थान को कर्नाटक सरकार कोई वित्तीय मदद भी नहीं देगी।

बिल में ये व्यवस्था की गई है कि अपराध करने वालों के मददगारों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। संबंधित श्रेणी के छात्र की शिकायत पर गिरफ्तारी की जाएगी। इस बिल में विशेष अदालतों के गठन का प्रावधान है। साथ ही हर विशेष अदालत और हाईकोर्ट की हर बेंच में के लिए एक विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति का भी प्रावधान है। जानकारी के मुताबिक इस साल अप्रैल में राहुल गांधी ने कर्नाटक सरकार को रोहित वेमुला के नाम पर कानून बनाने के लिए कहा था। ताकि उच्च शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों से भेदभाव रोका जा सके। राहुल गांधी के निर्देश पर ही कर्नाटक की सिद्धारामैया सरकार ने बिल तैयार किया है। इस बिल के प्रावधानों के बारे में सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। कई यूजर्स ने इसे सामान्य वर्ग के लोगों को फंसाने का रास्ता बताया है। वहीं, कुछ यूजर्स ने रोहित वेमुला बिल को एससी/एसटी एक्ट से भी खतरनाक बताया है।