newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Rahul Gandhi Kedarnath: राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे को लेकर सियासी गलिायारों में चर्चा तेज, निकाले जा रहे हैं ऐसे मायने

Rahul Gandhi Kedarnath: इससे पहले भी वो इस तरह की कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन अफसोस हर उनके हाथ नाकामी ही लगी है। ध्यान दें, साल 2018 में भी राहुल केदरानाथ यात्रा पर गए थे। इससे पहले भी वो कई धार्मिक स्थलों पर चुनाव से पहले आते जाते रहे हैं, लेकिन बीजेपी उनके इस कदम को ढोंगी बताकर उनके हिंदुत्व के दांव वाले प्लान पर पानी फेर देती है।

नई दिल्ली। क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सॉफ्ट हिंदुत्व का दांव चलकर बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की योजना के तहत तीन दिवसीय केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं? क्या राहुल गांधी का केदारनाथ दांव सियासी पिच पर सफल साबित होगा? क्या राहुल गांधी केदरानाथ यात्रा के जरिए सॉफ्ट हिंदुत्व का दांव चलकर अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देने की योजना बना रहे हैं?

बता दें कि इन्हीं सब सवालों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार है, लेकिन अभी तक इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं। राहुल गांधी तीन दिवसीय केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। भले ही कांग्रेस यह बताने से ना थक रही हो कि यह राहुल का निजी दौरा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्य़क्ष ने ट्वीट कर स्पष्ट कर दिया है कि यह राहुल का निजी दौरा है, लिहाजा कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता या नेता उनसे भेंट ना करें, क्योंकि राहुल यहां तीन दिनों तक अकेले ही रहना चाहते हैं। इसके बाद वो दिल्ली रवाना होंगे।

वहीं, राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं कि राहुल गांधी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले केदारनाथ यात्रा के जरिए हिंदुत्व का दांव चलकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि, इससे पहले भी वो इस तरह की कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन अफसोस उनके हाथ नाकामी ही लगी है। ध्यान दें, साल 2018 में भी राहुल केदरानाथ यात्रा पर गए थे। इससे पहले भी वो कई धार्मिक स्थलों पर चुनाव से पहले आते-जाते रहे हैं, लेकिन बीजेपी उनके इस कदम को ढोंगी बताकर उनके हिंदुत्व के दांव वाले प्लान पर पानी फेर देती है। हालांकि, अभी तक बीजेपी की ओर से राहुल के केदारनाथ यात्रा पर बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

ध्यान दें, केदारनाथ यात्रा के दौरान जहां राहुल गांधी आध्यात्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखेंगे। शायद इसलिए इन्होंने कांग्रेस के किसी भी नेता से मिलने से साफ इनकार कर दिया है। बहरहाल, अब देखना होगा कि आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले क्या बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद राहुल को मिलता है की नहीं?