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Doldrum: उत्तराखंड में बागी तेवर दिखा रहे हरीश रावत से कांग्रेस नहीं कर पा रही संपर्क, पार्टी में मचा हड़कंप

कांग्रेस आलाकमान हड़कंप में है। वजह है उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएम रह चुके हरीश रावत के बागी तेवर। हरीश रावत ने बुधवार को बागी तेवर दिखाते हुए ट्वीट्स की झड़ी लगा दी थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि कांग्रेस आलाकमान और उनके लोगों से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।

नई दिल्ली/देहरादून। कांग्रेस आलाकमान हड़कंप में है। वजह है उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएम रह चुके हरीश रावत के बागी तेवर। हरीश रावत ने बुधवार को बागी तेवर दिखाते हुए ट्वीट्स की झड़ी लगा दी थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि कांग्रेस आलाकमान और उनके लोगों से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। रावत के ट्वीट्स आते ही कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हुआ। उनसे संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन हरीश रावत से संपर्क नहीं हो सका। एक अंग्रेजी न्यूज चैनल ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि आलाकमान ने उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव को हरीश रावत से बात करके उन्हें मनाने का जिम्मा दिया था, लेकिन देवेंद्र यादव किसी तरह हरीश रावत से संपर्क नहीं कर सके।

harish rawat

हरीश रावत दरअसल देवेंद्र यादव से ही नाराज हैं। इसकी वजह ये है कि उत्तराखंड में यात्राएं निकाल रहे रावत को न तो देवेंद्र यादव से मदद मिली और न ही कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कोई सहयोग दिया। उल्टे एक रैली में हरीश रावत की तस्वीर तक नहीं लगाई गई। इन सबसे खफा हरीश रावत ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई थी। पंजाब जैसा मामला उत्तराखंड में भी न बन जाए, इसलिए कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को मनाने के लिए हर संभव कोशिश शुरू कर दी है। उधर, एक ताजा चुनाव पूर्व सर्वे बता रहा है कि हरीश रावत को सिर्फ 25 फीसदी लोग ही दोबारा सीएम बनते देखना चाहते हैं। जबकि, मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनते देखने की चाह ज्यादातर लोग रखते हैं।

उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा में 70 सीटें हैं और हरीश रावत अगर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के पाले में जाते हैं, तो कांग्रेस बड़ी मुश्किल में पड़ सकती है। इसे देखते हुए ही कांग्रेस आलाकमान हर हाल में उन्हें मनाना चाहती है। साथ ही कांग्रेस इस दोराहे पर खड़ी है कि वो देवेंद्र यादव को भी प्रभारी पद से अभी नहीं हटाना चाहती। जबकि, रावत और यादव के बीच काफी खेमेबाजी है। बता दें कि हरीश रावत पंजाब कांग्रेस में संकट के वक्त वहां के पार्टी प्रभारी थे। उन्होंने ही नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।