
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर छापा मारा है। भूपेश बघेल के बेटे के घर के अलावा ईडी ने छत्तीसगढ़ में 13 और जगह भी छापे मारे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और अन्य के यहां ईडी की छापेमारी हुई है। ईडी सूत्रों के हवाले से मीडिया ने खबर दी है कि ये छापे शराब घोटाला मामले से जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ का शराब घोटाला होने के आरोप लगे थे। इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कई अफसरों को पहले गिरफ्तार किया गया था। अब इस मामले में भूपेश बघेल के परिवार तक भी जांच की आंच पहुंच गई है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर ED की रेड, भिलाई पदुमनगर वाले घर पर 4 इनोवा में पहुंचे अधिकारी, 15 जगहों पर छापेमारी#Raipur #ED #Chhattisgarh #BhupeshBaghel #PeoplesUpdate #ChaitanyaBaghel #ED #EDRaids #ChhattisgarhNews… pic.twitter.com/prHcc3JBPe
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चैतन्य बघेल के ठिकानों पर ईडी छापे के बारे में भूपेश बघेल के दफ्तर की तरफ से बयान जारी किया गया है। पढ़िए कि इस बयान में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम का क्या कहना है।
सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है.
अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है.
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जानकारी के मुताबिक कवासी लखमा से ईडी की पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर ही भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य तक ईडी पहुंची है। पूर्व मंत्री कवासी लखमा छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग देख चुके हैं। तब उन पर करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था। शराब घोटाला मामले में ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ में कई जगह छापे मारे थे। फिर छापों से मिले सबूतों के आधार पर ईडी ने इस ल 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। कई अन्य भी गिरफ्तार हो चुके हैं। माना जा रहा है कि ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है।

ये मामला साल 2019 का है। तब छत्तीसगढ़ में डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर दुकानों से अवैध शराब बेचने का मामला हुआ था। इस घोटाले से छत्तीसगढ़ के खजाने को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होने का आरोप है। आरोप ये भी है कि कवासी लखमा ने शराब घोटाला के जरिए 72 करोड़ रुपए का कमीशन लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने जांच में पाया कि शराब की बोतलों पर जो होलोग्राम लगाया गया, वो यूपी के नोएडा स्थित एक कंपनी में बने थे। आरोप है कि ये कंपनी पात्र नहीं थी, लेकिन नियम बदलकर उसे होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया। इसके बदले कंपनी के मालिक से करोड़ों की रकम ली गई।