लुधियाना। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए एक और बुरी खबर है। एक तरफ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से उनकी रार जारी है। वहीं, अब लुधियाना की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED को आदेश दिया है कि वह अमरिंदर और उनके बेटे रणइंदर सिंह के खिलाफ टैक्स चोरी के मामलों में दस्तावेजों की जांच करे। कोर्ट ने 2020 के सितंबर महीने में लोअर कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले रणइंदर सिंह की अर्जी को भी खारिज कर दिया है। अमरिंदर के बेटे ने ईडी की ओर से फाइलों की जांच की मंजूरी के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने सभी संबंधित को 9 सितंबर को पेश होने के लिए भी कहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और बेटे रणइंदर सिंह पर विदेश में अघोषित संपत्ति के तीन मामले दर्ज किए गए थे। एक मामला अमरिंदर पर और दो मामले रणइंदर पर हैं। लुधियाना में सभी मामलों की सुनवाई चल रही है। ईडी ने अगस्त 2020 में कोर्ट में आवेदन देकर इनकम टैक्स दस्तावेजों की जांच की मंजूरी मांगी थी। ईडी ने 2013 से 2016 तक विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून FEMA के तहत रणइंदर के खिलाफ जांच की थी।
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक रणइंदर ने वर्जिन आइलैंड में स्थित कई ट्रस्ट के बारे में झूठ बोला। रणइंदर को पहले भी ईडी ने तलब कर पूछताछ की थी। रणइंदर ने कोर्ट में कहा था कि ईडी की अर्जी को मंजूरी देने से पहले बाकी को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। इससे न्याय नहीं मिल सका है। रणइंदर का ये भी कहना था कि ईडी के पास जांच के लिए अर्जी देने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने इस पर साफ कह दिया कि ईडी को इसका अधिकार है।
अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने अगले विधानसभा चुनाव में सीएम के चेहरे के तौर पर लड़ाने का फैसला किया है। इस बारे में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत एलान कर चुके हैं। ऐसे में अब कोर्ट के फैसले के बाद अकाली दल और बीजेपी उन्हें भ्रष्टाचार के नायक के तौर पर पेश कर चुनावी मैदान में कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से भी अमरिंदर के लिए मुश्किल हालात लगातार तैयार किए जा रहे हैं। ऐसे में अमरिंदर के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई जैसे हालात हैं।