
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। पूर्व में कुर्क की गई संपत्तियों को ईडी अब अपने कब्जे में लेने जा रही है। इसके लिए ईडी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। दिल्ली में आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा इलाके में परिसर और लखनऊ में बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल भवन में ये नोटिस चस्पा किए गए हैं। इन संपत्तियों की कीमत 661 करोड़ रुपये है जोकि कांग्रेस नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ धन शोधन मामले में 2023 में कुर्क की गई थीं।
ईडी ने धन शोधन अधिनियम की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत यह कार्रवाई की है। मुंबई के हेराल्ड हाउस में जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी ईडी का नोटिस भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि हर महीने ईडी के पास किराया जमा करना होगा। सुब्रमण्यम स्वामी की एक शिकायत के बाद यह मामला संज्ञान में आया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके अन्य कांग्रेसियों ने मात्र 50 लाख का भुगतान किया और एजेएल की 2000 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर कब्जा जमा लिया। जब मामले की जांच की गई तो यह पता चला कि फर्जी डोनेशन और विज्ञापनों के जरिए 85 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इधर-उधर की गई।
ईडी के मुताबिक फर्जी डोनेशन के जरिए 18 करोड़ रुपये, एडवांस किराये के रूप में 38 करोड़ रुपये और विज्ञापनों के जरिए 29 करोड़ रुपये का अवैध धन जुटाने के लिए एजेएल-यंग इंडियन नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया। आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एजेएल के द्वारा किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के सबसे बड़े शेयरधारक हैं। इन दोनों के पास 38-38 प्रतिशत शेयर हैं।