
नई दिल्ली। EC ने अजित पवार के गुट को असली NCP मानते हुए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दिया है। सिंबल विवाद में शरद पवार गुट हार गया। पार्टी संविधान का परीक्षण लागू नहीं हो पाने के बाद चुनाव आयोग ने विधायी बहुमत का परीक्षण किया। आपको बता दें कि बीते साल भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए NCP में बगावत कर दी थी। इसके बाद वह एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार में जाकर अपने विधायकों के साथ शामिल हो गए थे।
बता दें कि 10 से अधिक सुनवाई के बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का नाम और प्रतीक मिला है। निर्णय में ऐसी याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालन किया गया जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल थे। मामले की इस परिस्थिति में विधायी विंग में बहुमत के परीक्षण को समर्थन मिला, जहां दोनों समूहों को पार्टी संविधान और संगठनात्मक चुनावों के बाहर काम करते हुए पाया गया है। इस प्रकार, पद पर रहने वालों को मुख्य रूप से निर्वाचक मंडल के स्व-नामांकित सदस्यों द्वारा नियुक्त किया गया और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के विरुद्ध माना गया।
EC settles the dispute in the Nationalist Congress Party (NCP), rules in favour of the faction led by Ajit Pawar, after more than 10 hearings spread over more than 6 months.
Election Commission of India provides a one-time option to claim a name for its new political formation… pic.twitter.com/1BU5jW3tcR
— ANI (@ANI) February 6, 2024