नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने संजय सिंह के नाम एक पत्र जारी कर वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने की पूरी प्रक्रिया बताई। इसके साथ ही संजय सिंह के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही वोटर लिस्ट से लोगों के नाम काटे जा रहे हैं। इसी के साथ चुनाव आयोग ने संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह का नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने के आवेदन दिए जोन के मामले में भी स्पष्टीकरण दिया।
चुनाव आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटाए जाने की सिफारिश मात्र से उसका नाम काटा नहीं जाता। इसके लिए पूरी प्रक्रिया होती है जिसके अनुरूप सत्यापन करके ही मतदाता सूची से किसी का नाम हटाया जाता है। अनीता सिंह का नाम नई दिल्ली वोटर लिस्ट की सूची से हटाए जाने के आवेदन पर चुनाव आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आवेदन करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि मतदाता सूची से किसी का नाम हटाने की प्रक्रिया फॉर्म 7 की फाइलिंग के साथ शुरू होती है।
इसके बाद ऐसे सभी मामलों में बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षकों और अन्य अधिकारियों के द्वारा सत्यापन किया जाता है उसके बाद ही इस संबंध में कार्यवाही की जाती है। वहीं फॉर्म 7 का संक्षिप्त विवरण, जिसमें आपत्तिकर्ताओं और जिसका नाम वोटर लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव है उन दोनों की जानकारी होती है, जिस फॉर्म 10 के माध्यम से साप्ताहिक आधार पर सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (जिसमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है) के साथ साझा की जाती है। आयोग ने कहा कि इसलिए यह आरोप कि आपत्तिकर्ताओं के नाम साझा नहीं किए गए पूरी तरह से निराधार है।