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Bihar Election: चुनाव आयोग का फैसला, कोरोना से मौत पर चुनाव कर्मियों को 30 लाख मुआवजा, वर्चुअल के अलावा होंगी एक्चुअल सभाएं…

Bihar Assembly Election : सोशल मीडिया(Social Media) को लेकर उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिये लोकसभा(Loksabha) की तरह व्यवस्था की जा रही है। सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए हमारा वर्तमान कानून बहुत कारगर नहीं है, इसे और स्ट्रॉंग  होना चाहिए।

नई दिल्ली। बिहार चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका हैं, ऐसे में शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पटना में जानकारी दी कि, चुनाव के दौरान अगर किसी चुनाव कर्मचारी की मौत कोरोना से होती है तो उसके परिवार को 30 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। वहीं उन्होंने चुनावी सभाओं को लेकर कहा कि, बिहार चुनाव के तहत सिर्फ वर्चुअल सभाएं ही नहीं बल्कि एक्चुअल सभाएं भी नियमों के साथ की जा सकती हैं। रुवार को पटना में मीडिया से भी बात की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन आयोग राज्य में सुरक्षित, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिये कटिबद्ध है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है कि निर्वाचनकर्मियों की कोरोना से मौत होने पर 30 लाख रुपये मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। जिलाधिकारी से उपलब्ध हॉल व ग्राउंड की सूची तैयार करायी है। कुछ स्थानों पर मैदानों में गोलाकार चिह्न भी बनाए गए हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ऐसी सभाओं का आयोजन करवाया जा सके।

Election Commissioner Sunil Arora

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने यह भी कहा कि कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव को संपन्न कराना आसान काम नहीं है, काफी दुरुह है। हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी चुनाव कराना कोई गलत फैसला भी नहीं कहा जा सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया से धार्मिक और जातीय भावनाओं को भड़काने की हरकत को लेकर मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा कि, इस तरह की चीजों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और IT और IPC एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रथम चरण की आज शुरुआत हो गई है। चुनाव आयोग की टीम ने सभी संबंधित विभागों से मंत्रणा भी की है और कई फैसले लिए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड 19 को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके तहत 80 साल से ऊपर और दिव्यांग तभी मतदान करने आएंगे जब वे आने में सक्षम हों। नहीं तो घर से ही उनको वोट देने की सुविधा होगी। वहीं कोविड पॉजिटिव भी मतदान के आखिरी वक्त में वोट करेंगे।

Sunil Arora EC PC

जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि केवल वर्चुअल कैम्पेन नहीं बल्कि एक्चुअल कम्पैन भी होंगे। जिलावार हॉल और  ग्राउंड की सूची तलब की गई है। डीएम और एसपी की मदद से यह काम सीईओ देखेंगे। इस दौरान 2 गज की दूरी का मानक रखना होगा जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में काफी अंतर होता है इसके मद्देनजर आयोग ने कई निर्णय लिए हैं। इनमें पोलिंग स्टेशन की संख्या 65, 000 से बढ़ाकर 1 लाख 6 हजार से अधिक की गई है। 2015 में जहां 6.7 करोड़ वोटर थे, वहीं 2020 में 7.29 करोड़ मतदाता बिहार में हैं।

सोशल मीडिया को लेकर उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिये लोकसभा की तरह व्यवस्था की जा रही है। सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए हमारा वर्तमान कानून बहुत कारगर नहीं है, इसे और स्ट्रॉंग  होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल कोरोनावायरस ने माहौल बदल दिया है और वर्चुअल मीटिंग जैसी कई नई शब्दावलियों से परिचित हो रहे हैं।

गृह सचिव के लंबे समय से पद पर बने रहने के सवाल पर चुनाव आयुक्त सनील अरोड़ा  (Chief Election Commissioner Sunil Arora)  ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आयोग किसी को हटा सकता है. डीजीपी, मुख्यसचिव तक को बाहर किया है, लेकिन राज्य सरकार किसी को बनाये रखती है और वे नियम-कानून के दायरे पर काम कर रहे हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।