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Video: भूपेश बघेल के खिलाफ फूटा कर्मचारियों का गुस्सा, महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग की

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार है? बिल्कुल सही कहा आपने। कांग्रेस की। भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अभी हम आपको इस रिपोर्ट में एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे वाकिफ होने के बाद आप कहेंगे कि हाय कौन-सी वो मनहूस घड़ी थी, जब वे मुख्यमंत्री की कुर्सी …

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार है? बिल्कुल सही कहा आपने। कांग्रेस की। भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अभी हम आपको इस रिपोर्ट में एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे वाकिफ होने के बाद आप कहेंगे कि हाय कौन-सी वो मनहूस घड़ी थी, जब वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे। अब आप मन ही मन कह रहे होंगे कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।

 

दरअसल, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी दो सूत्रीय मांग केंद्र के समान महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता के लिए 5 दिवसीय आंदोलन का शंखनाद आज किया। इस आंदोलन में लगभग 5 लाख शासकीय अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में सरकारी कामकाज पूर्ण रुप से ठप रहा है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा व प्रमुख प्रवक्ता विजय झा ने कहा कि आज कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का आंदोलन पूर्ण रुप से 100 प्रतिशत सफल रहा। सभी शासकीय कार्यालयों में सरकारी कामकाज पूर्ण रुप से ठप रहा।

छत्तीसगढ़ के सभी संभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर संभाग प्रभारी पीआर यादव, दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी, रायपुर संभाग प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी, अंबिकापुर संभाग प्रभारी ओंकार सिंह व बस्तर संभाग प्रभारी कैलाश चैहान ने बताया कि सभी संभागों में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 5 दिवसीय आंदोलन के दूसरे दिन भी शासकीय कार्यालयों में सरकारी कामकाज पूर्ण रुप से ठप रहा है, लेकिन अभी जिस तरह से राज्य के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की कार्यशैली के प्रति अपनी असंतुष्टि व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।