newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Agneepath Scheme: ‘अग्निवीर’ के दम से दुश्मन होंगे बेदाम, इजरायल की ‘तर्ज’ पर तैयार हुए हैं ‘ब्रहास्त्र’

Agneepath Scheme: बता दें कि इन सैनिकों को बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं इजरायल की तर्ज पर भारत सरकार युवाओं को देश सेवा करने का मौका देने की तैयारी कर रही हैं। दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए अग्निवीर को तैयार किया जा रहा है। इजरायल जैसे देशों की तरह इंडिया में भी मिलेट्री ट्रेनिंग को घर-घर ले जाने का ब्रहास्त्र है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ स्कीम को लागू करने के बाद से देशभर में इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के युवक इस योजना को लेकर सड़क पर उतर आए है। इतना ही नहीं कई जगहों पर युवकों ने आगजनी करते हुए सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया। वहीं इस अग्निपथ योजना को लेकर सियासी पार्टियां सरकार पर निशाना साधने में लग गई है। इसके अलावा अग्निपथ स्कीम को लेकर युवाओं का भ्रम दूर करने के लिए सरकार ने कोशिश की है और स्पष्टीकरण भी दिया है। सरकारी सूत्रों ने योजना से जुड़ी अहम जानकारी को युवाओं के सामने रखा है जिससे वो पूरी जानकारी प्राप्त कर सके और भ्रम में न रहे। मगर इससे भी खास बात आपको बता दें कि कई ऐसे मुल्क है जहां अपनी अपनी भक्ति दिखाने के लिए सेना में सेवा देना जरूरी होता है। इन्हीं में एक इजरायल देश है।

इजरायल में ऐसा नियम है जहां सभी को सेना में सर्विस देनी जरूरी होती है। पुरुषों को जहां कम से कम 32 महीने सेना में सेवा देनी जरूरी है, वहीं महिलाओं को 24 माह की सेवा देनी पड़ती है। इतना ही नहीं इस सेवा के बाद उन्हें रिजर्व सूची में रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर ड्यूटी पर भी बुलाया जाता है। बता दें कि इन सैनिकों को बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं इजरायल की तर्ज पर भारत सरकार युवाओं को देश सेवा करने का मौका देने की तैयारी कर रही हैं। दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए अग्निवीर को तैयार किया जा रहा है। इजरायल जैसे देशों की तरह इंडिया में भी मिलेट्री ट्रेनिंग को घर-घर ले जाने का ब्रहास्त्र है।

खास बात ये भी है कि देश की सुरक्षा के लिए आज तक इतनी क्रांतिकारी पहल नहीं हुई है। बता दें कि ये देश के युवाओं को सेना से जोड़ने का महाअभियान है। अग्निवीर देश के अधिक से अधिक युवाओं की सेना में भर्ती का ऐतिहासिक प्रवेश द्वार है। युवाओं को सेना में इतनी बड़ी संख्या में और इतनी आकर्षक एंट्री आजादी के बाद से आज तक नहीं मिली है।