नई दिल्ली। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। ऐसे में चुनावी रण में अपनी जीत का पताका लहराने के लिए हर पार्टी जी तोड़ मेहनत कर रही है। अब तक पंजाब के इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और आप को माना जा रहा है तो वहीं अब इस चुनावी दंगल में किसानों ने भी उतरने का ऐलान कर दिया है। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े करीब 25 संगठनों ने चुनावी रण में अपने नाम दर्ज कराने का फैसला किया है। यहां ध्यान हो कि ये वहीं संगठन है जिसने केंद्र द्वारा जारी तीनों नए कृषि कानूनों का जमकर विरोध किया था। कहा ये भी जा रहा है कि किसानों का ये यूनियन राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ हाथ मिला सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस किसान संगठनों ने शुक्रवार देर शाम लुधियाना के पास हुई एक बैठक में चुनाव में उतरने का फैसला लिया। सूत्रों की मानें तो SKM (संयुक्त किसान मोर्चा ) बनाने वाली 32 यूनियनों में से 7 ने चुनाव से दूरी बनाए रखने का फैसला लिया है, तो वहीं, बाकी 25 ने पंजाब विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने का फैसला लिया है।
इन संगठनों ने बनाई है राजनीति से दूरी
SKM (संयुक्त किसान मोर्चा ) बनाने वाली 32 यूनियनों में से जिन 7 यूनियनों जिन्होंने राजनीति से दूर रहने का फैसला लिया है उनमें कीर्ति किसान संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, बीकेयू सिद्धूपुर, बीकेयू क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष समिति, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन ये नाम शामिल हैं। इस सात यूनियनों ने चुनाव से दूर रहने के साथ ही राजनीति में उतर रहे किसान नेताओं से अपील की है कि वो चुनाव के लिए एसकेएम के बैनर का इस्तेमाल नहीं करें। कहा जा रहा है शनिवार को 25 यूनियन औपचारिक रूप से राजनीति में उतरने के फैसले की घोषणा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी संघ के नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल और हरमीत सिंह कादियान के केजरीवाल की पार्टी यानी आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की खबरें सामने आ रही थी। हालांकि दोनों ने ही खबरों पर नकार दिया था लेकिन अब कीसानों के राजनीति में उतरने के ऐलान के बाद से इन खबरों को भी और बल मिल गया है।