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Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratistha: श्यामवर्ण…5 वर्ष के बालक जैसा स्वरूप…जानिए प्राण प्रतिष्ठा के बाद किस रूप में दर्शन देंगे भगवान रामलला

Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratistha: अरुण योगीराज के अलावा दो और मूर्तिकारों ने रामलला की प्रतिमाएं बनाई हैं। उन दोनों मूर्तियों को भी राम मंदिर परिसर में स्थान दिया जाएगा। गर्भगृह में स्थापना के लिए अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को चुना गया है।

अयोध्या। अयोध्या में भगवान रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में बस 5 दिन बाकी हैं। छठे दिन यानी 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अभी अस्थायी मंदिर में भी रामलला और उनके भाइयों की पूजा होती है, लेकिन अब रामलला की 70 साल पुरानी प्रतिमा को चल प्रतिमा का दर्जा दिया जाएगा। गर्भगृह में जो विग्रह स्थापित किया जा रहा है, वो वहीं रहेगी और चल प्रतिमा के साथ उसका भी रोज पूजन किया जाएगा।

अयोध्या के अस्थायी मंदिर में अभी भगवान रामलला के इस विग्रह की पूजा होती है।

कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने भगवान रामलला के नए विग्रह को रूप दिया है। श्यामवर्ण की चट्टान को तराशकर रामलला का नया विग्रह बनाया गया है। भगवान राम श्यामवर्ण के थे, इसी वजह से अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को चुना गया है। अरुण योगीराज के अलावा दो और मूर्तिकारों ने रामलला की प्रतिमाएं बनाई हैं। उन दोनों मूर्तियों को भी राम मंदिर परिसर में स्थान दिया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार भगवान रामलला के विग्रह को स्वरूप देते वक्त मूर्तिकार अरुण योगीराज ने खुद को इस काम के प्रति पूरी तरह समर्पित कर दिया था। अरुण योगीराज ने रामलला की प्रतिमा गढ़ने के दौरान मोबाइल फोन और अपने परिवार से भी दूरी बना ली थी। अपने बच्चों तक से अरुण योगीराज ने बातचीत नहीं की। इसी से पता चलता है कि कितने मनोयोग से अरुण ने भगवान रामलला के विग्रह को मूर्त रूप दिया।

अपनी बनाई हनुमानजी की मूर्ति के साथ मूर्तिकार अरुण योगीराज।

अरुण योगीराज की बनाई शंकराचार्य की मूर्ति केदारनाथ धाम में स्थापित है। इसी तरह दिल्ली के इंडिया गेट में छतरी के नीचे अरुण की बनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई थी। अब अरुण योगीराज ने भगवान रामलला का जो विग्रह बनाया है, उसके बारे में बताया जा रहा है कि भगवान राम 5 वर्ष की उम्र के दिखेंगे। इसके साथ ही रामलला के नए विग्रह को देखकर भक्तों को लगेगा कि वो किसी राजकुमार को देख रहे हैं। रामलला के इस विग्रह को नवरत्नों से बना शानदार मुकुट और सोने-चांदी की कढ़ाई वाले वस्त्र भी रोज पहनाए जाएंगे। वहीं, इसी तरह के मुकुट और वस्त्र रामलला की चल मूर्ति और उनके भाइयों की प्रतिमा के लिए भी तैयार कराए गए हैं।