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Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratistha: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज भी होंगे कई अनुष्ठान, भगवान रामलला का भी होगा भ्रमण

Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratistha: इससे पहले यजमान अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने मंगलवार को अनुष्ठानों की शुरुआत के दिन सरयू नदी में स्नान कर प्रायश्चित किया। इस अवसर पर भगवान विष्णु की उन्होंने पूजा की और घी तथा पंचगव्य से पंचगव्यप्राशन किया। इसके अलावा यजमान अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा ने गोदान किया। राम मंदिर परिसर में 21 जनवरी तक कई तरह के अनुष्ठान और अधिवास भी आचार्य करा रहे हैं।

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में भव्य तौर पर बन रहे राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब सिर्फ 5 दिन बचे हैं। इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट कई तरह के अनुष्ठान करा रहा है। इन सभी अनुष्ठान को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा बतौर यजमान पूरा कर रहे हैं। आज प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठानों का दूसरा दिन है। आज दोपहर को 1.20 बजे के बाद जलयात्रा, तीर्थ पूजन, ब्राह्मण, बटुक कुमारी और सुवासिनी पूजन, वर्धिनी पूजन, कलशयात्रा के अनुष्ठान होने हैं। इसके अलावा भगवान रामलला के मौजूदा विग्रह का प्रासाद परिसर भ्रमण भी होना है।

इससे पहले यजमान अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने मंगलवार को अनुष्ठानों की शुरुआत के दिन सरयू नदी में स्नान कर प्रायश्चित किया। इस अवसर पर भगवान विष्णु की उन्होंने पूजा की और घी तथा पंचगव्य से पंचगव्यप्राशन किया। इसके अलावा यजमान अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा ने गोदान किया। दशदान के अलावा उन्होंने कर्मकुटी में उस जगह हवन कर पूजा की, जहां रामलला का नया विग्रह बनाया गया है। रामलला का जो विग्रह राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाना है, उसे कर्नाटक के मैसुरु में रहने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। श्याम रंग के पत्थर से रामलला की 51 इंच ऊंची मूर्ति बनाई गई है। भक्तों को रामलला 5 वर्ष के बालक के रूप में दर्शन देंगे। पहले दिन के अनुष्ठान के साथ ही राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि और भुशुंडि रामायण का पाठ भी शुरू हुआ है।

अब आपको बताते हैं कि गुरुवार यानी कल से 21 जनवरी तक राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान के तहत क्या-क्या होना है। गुरुवार को भगवान रामलला का गंधाधिवास किया जाएगा। इसके बाद 19 जनवरी की सुबह औषधिधिवास, केसराधिवास और घृताधिवास किया जाएगा। 19 जनवरी की शाम को धान्याधिवास का अनुष्ठान होगा। 20 जनवरी सुबह शर्कराधिवास और फलाधिवास, इसी तारीख की शाम को पुष्पाधिवास किया जाना है। प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले 21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शैयाधिवास के अनुष्ठान सभी आचार्य कराएंगे।